अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ें भारत, रूस और पाकिस्तान, बोले ट्रंप, मोदी की आलोचना भी की
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में भारत की दशकों पुरानी भूमिका पर असंतोष व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि भारत, रूस और पाकिस्तान समेत क्षेत्रीय देशों को युद्धपीड़ित देश में तालिबान से लड़ना चाहिए. अमेरिका के राष्ट्रपति ने वर्ष की अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अफगानिस्तान में पुस्तकालय […]
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में भारत की दशकों पुरानी भूमिका पर असंतोष व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि भारत, रूस और पाकिस्तान समेत क्षेत्रीय देशों को युद्धपीड़ित देश में तालिबान से लड़ना चाहिए.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने वर्ष की अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और सवाल किया कि उस देश में पुस्तकालय का उपयोग कौन करेगा?
ट्रंप ने कैबिनेट की बैठक के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘वहां (अफगानिस्तान में) रूस (तालिबान के साथ लड़ाई के लिए) क्यों नहीं है? वहां भारत क्यों नहीं है? पाकिस्तान वहां क्यों नहीं है? हम (अमेरिका) वहां क्यों हैं? हम 6000 मील दूर हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता. हम हमारे लोगों की मदद करना चाहते हैं. हम अन्य देशों की मदद करना चाहते हैं.’
अमेरिका के राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में शांति और विकास के लिए भारत के प्रयासों का जिक्र किया. साथ ही आरोप लगाया कि अन्य देश युद्धपीड़ित देश में पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं और वे अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान युद्ध के कारण अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान होता है.
भारत के पीएम की आलोचना की
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि राष्ट्राध्यक्षों ने उन्हें बताया कि वे ‘केवल करीब 100 या 200 जवान भेजकर’ शांति प्रक्रिया में शामिल हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने मित्रवत संबंधों का जिक्र किया, लेकिन अफगानिस्तान में पुस्कालय के लिए भारत की मदद की आलोचना की.
ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का एक उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में पुस्तकालय बनवाया. पुस्तकालय!’ उन्होंने कहा, ‘वह बहुत समझदार हैं. हमें कहना चाहिए कि पुस्तकालय के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि अफगानिस्तान में कौन इसका इस्तेमाल कर रहा है?’
तालिबान से कर रहे हैं बात
ट्रंप ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह चाहते हैं कि अफगानिस्तान में भारत भी शामिल हो. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत, अफगानिस्तान में सुरक्षा संबंधी भूमिका निभाने वाला है, ट्रंप ने कहा, ‘हम कुछ ऐसा करेंगे, जो सही हो. हम तालिबान से बात कर रहे हैं. हम अलग-अलग लोगों से बात कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘भारत वहां है. रूस वहां है. रूस सोवियत संघ हुआ करता था. अफगानिस्तान ने उसे रूस बनाया, क्योंकि वे अफगानिस्तान में लड़ते हुए दिवालिया हो गये. इसलिए आप अन्य देशों की ओर देखते हैं. पाकिस्तान वहां है. उन्हें लड़ना चाहिए. रूस को वहां लड़ना चाहिए.’