इस्लामाबाद : पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने स्वीकार किया है कि उसके कुछ अधिकारी राष्ट्रीय विमानन कंपनी पीआईए के कर्मचारियों की मिली भगत से मानव तस्करी में मामलों में लिप्त रहे हैं. बृहस्पतिवार को मीडिया में आयी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
‘द डॉन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि एफआईए के महानिदेशक ने गृह मंत्रालय और इस्टेब्लिशमेंट डिवीजन को बुधवार को एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें इस बात को रेखांकित किया गया है कि ब्रिटिश उच्चायोग की शिकायत के बाद 2014 में मानव तस्करी मामले की जांच की गयी.
समाचार पत्र ने गृह मंत्रालय के सूत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि एक जनवरी, 2019 की तारीख वाली एक रिपोर्ट मंत्रालय को बुधवार को मिली है और इसमें एफआईए के मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ को शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का जिम्मेदार ठहराया गया है.
शिकायत के अनुसार, लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पकड़े गये 20 अफगानी नागरिकों को इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीबीआईएपी) से तस्करी करके लाया गया था. इस रिपोर्ट में एफआईए के तत्कालीन निदेशक इनाम गनी को जांच को रद्द करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘एफआईए इस्लामाबाद जोन के निदेशक होने के दौरान उन्होंने बीबीआईएपी के जरिये मानव तस्करी कराने के लिए विमानों की जांच जैसी कानूनी बाधाओं को हटा दिया था.
उनकी मिलीभगत के बिना पीआईए तथा बीबीआईएपी में एफआईए के आव्रजन कर्मचारियों को फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर अफगानिस्तान के नागरिकों की तस्करी का नेटवर्क चलाना नामुमकिन था.’ गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एफआईए के 30 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.