अमरीका के राष्ट्रपति ने कहा है कि वो मैक्सिको से लगने वाली सीमा पर दीवार बनाने संबंधी अपनी मांग को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे.
ट्रंप की ये मांग अमरीकी सरकार में आंशिक कामबंदी की वजह बनी हुई है.
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दीवार के लिए 5.6 अरब डॉलर के फ़ंड की मांग की थी, और वो इस रक़म को कम नहीं करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप ने आपातकाल लागू करने की चेतावनी भी दोहराई.
ट्रंप के नए चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मिक मुल्वेनी ने इससे पहले कहा था कि राष्ट्रपति कामबंदी को लंबे वक़्त तक जारी रख सकते हैं.
डेमोक्रेट दीवार के लिए फ़ंड देने के समर्थन में नहीं हैं, वो इस दीवार को ‘अनैतिक’ बता रहे हैं.
इस राजनीतिक तनातनी का खामियाज़ा पूरे अमरीका को भुगतना पड़ रहा है. कामबंदी को दो हफ़्ते से ज़्यादा का वक़्त हो चला है और इसका असर क़रीब आठ लाख संघीय कर्मचारियों पर पड़ा है.
मैक्सिको से लगने वाली सीमा पर दीवार बनाना राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा चुनावी वादा था. उन्होंने कहा था कि इस दीवार का ख़र्च ख़ुद मैक्सिको उठाएगा, लेकिन मैक्सिको ने ख़र्च उठाने से इनकार कर दिया.
ट्रंप ने क्या कहा?
कैंप डेविड निकलने से पहले उन्होंने कहा कि "हमें किसी भी हाल में दीवार बनानी ही होगी. ये हमारे देश की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है. हमारे पास इसका कोई विकल्प नहीं है. ये बहुत अहम युद्ध हो, जिसे हमें जीतना ही है."
ट्रंप ने कहा कि लगता है डेमोक्रेट्स ‘कोई समझौता’ करना चाहते हैं. ट्रंप ने कहा, "कामबंदी कल ख़त्म हो सकती है या बहुत लंबे समय तक चल सकती है. अब ये डेमोक्रेट्स पर निर्भर करता है."
ट्रंप ने आपातकाल लागू करने की अपनी चेतावनी दोहराई. उन्होंने कहा कि वो आने वाले कुछ दिनों को देखेंगे और ज़रूरत पड़ने पर आपातकाल लागू कर देंगे.
अमरीकी क़ानून में ये प्रावधान है कि राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति को सैन्य परियोजनाओं का काम सीधे तौर पर करने का अधिकार हासिल है, लेकिन ये रक़म रक्षा मंत्रालय के बजट से आती है, जिसे संसद की मंज़ूरी मिली होती है.
हालांकि डेमोक्रेट्स को मनाने के लिए ट्रंप कह रहे हैं कि वो सीमेंट की जगह स्टील की दीवार बना सकते हैं.
कामबंदी को ख़त्म करने के लिए डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन नेताओं के बीच रविवार दोपहर दोबारा बैठक होगी.
क्या विवाद ख़त्म करने का कोई तरीका है?
दोनों ही पक्षों का मानना है कि उनके समर्थक इस मामले में उनके साथ हैं. इसलिए किसी भी पक्ष का झुकना मुश्किल लगता है.
हाल में हुए एक ओपीनियन पोल में सामने आया कि 50% लोग कामबंदी के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को ज़िम्मेदार मान रहे हैं, जबकि 32% लोग इसके लिए डेमोक्रेटिक पार्टी को ज़िम्मेदार बता रहे हैं.
ख़बर ये भी है कि ट्रंप के सलाहकार जेयर्ड कुशनर ने शनिवार की बैठक में कहा है कि वो दीवार की फ़ंडिग के बदले में डेमोक्रेट्स की युवा प्रवासियों से जुड़ी ‘ड्रिमर्स’ की मांग को मान सकते हैं.
ड्रिमर्स वो प्रवासी हैं जो बचपन में अमरीका में अवैध तरीके से आए थे. डेमोक्रेट्स की मांग है कि उन्हें प्रत्यर्पित ना किया जाए. लेकिन इस मांग के बदले में दीवार की फ़ंडिंग को मंज़ूरी देने से डेमोक्रेट्स ने इनकार कर दिया है.
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कामबंदी की वजह
कांग्रेस से बजट को वक़्त रहते मंज़ूरी नहीं मिली, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था.
बजट पास ना होने की वजह से अमरीका आंशिक कामबंदी से जूझ रहा है.
22 दिंसबर से कामबंदी चल रही है. जिसकी वजह से एक चौथाई सरकार काम नहीं कर पा रही है. क़रीब आठ लाख कर्मचारी ऐसे हैं जो या तो छुट्टी पर हैं या बिना तनख्वाह के काम कर रहे हैं.
इन हालातों से निपटने के लिए सीनेट ने द्विदलीय समझौता करने की बात की, लेकिन ट्रंप ने दीवार की मांग ना माने जाने की वजह से बजट का समर्थन करने से फिर इनकार कर दिया.
रिपब्लिकन सांसदों के बहुमत वाले सदन में तो दीवार की फंड से जुड़ा बिल पारित कर दिया गया, लेकिन 100 सीटों वाली सीनेट में उन्हें ज़रूरी 60 वोट नहीं मिले.
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