दुबई में बोले राहुल – असहिष्णु और बंटा हुआ भारत सफल नहीं हो सकता, देश को एकजुट करेंगे
दुबई : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी पर हमला जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि ‘असहिष्णुता एवं बंटवारे की स्थिति’ का सामना कर रहा आज का भारत कभी सफल और मजबूत नहीं हो सकता तथा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद देश को फिर से एकजुट किया […]
दुबई : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी पर हमला जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि ‘असहिष्णुता एवं बंटवारे की स्थिति’ का सामना कर रहा आज का भारत कभी सफल और मजबूत नहीं हो सकता तथा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद देश को फिर से एकजुट किया जायेगा ताकि बेरोजगारी सहित सभी चुनौतियों से निपटा जा सके.
‘दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम’ में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए गांधी ने यह भी कहा कि देश को फिर से एकजुट करने और समस्याओं का समाधान करने में सब मदद करें. गांधी ने कहा, मैंने आज दुबई के शासक शेख मोहम्मद से मुलाकात की. मुझे उनके भीतर विन्रमता का आभास हुआ. उनके अंदर एक फीसदी भी अहंकार नहीं था. एक ऐसे नेता जो लोगों की सुनता है और कदम उठाता है. यह देश कई आवाजों से मिलकर बना है. उन्होंने कहा, यूएई और भारत को साथ लानेवाले मुख्य मूल्य विनम्रता और सहिष्णुता है. यह यूएई में सहिष्णुता का साल रहा है. मुझे दुख हो रहा है कि हमारे यहां साढ़े चार साल असहिष्णुता के रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आप भारत के भविष्य हैं और हम आपके बिना भारत का निर्माण नहीं कर सकते. आपने जो यूएई, अमेरिका और यूरोप में किया है, वो भारत में करिये. मैं आपसे यह वादा चाहता हूं कि आप साथ खड़े होइये और भारत में जो दो-तीन बड़ी समस्याएं हैं उनके दूर करने में मदद करिये.
उन्होंने कहा, एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक अरब से अधिक आबादीवाले देश में लोग भयावह बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. लोग नोटबंदी और जीएसटी से परेशान हो चुके हैं. हमें रोजगार के मोर्चे पर फ्रंटफुट पर खेलना है. भारत सिर्फ बेरोजगारी पर जीत हासिल कर सकता है और चीन पर भारी पड़ सकता है. आपको इसमें भूमिका निभानी होगी. गांधी ने कहा, दूसरी बड़ी समस्या है कि भारत की रीढ़ की हड्डी किसान रहे हैं, लेकिन आज वे गहरी परेशानी से घिरे हुए हैं. उनको भविष्य नहीं दिखायी दे रहा है. हमें दूसरी हरित क्रांति शुरू करनी है ताकि कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाया जा सके. आपको इसमें मदद करनी है. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार का जिक्र किये बिना कहा, एक भारतीय के तौर पर मेरे लिए पिछले कुछ साल दुखदायी रहे हैं. क्या विनम्रता के बिना सहिष्णुता संभव है? क्या यह सोचकर भारत को चला सकते हैं कि एक विचार सही है और बाकी सब बेकार हैं. आज मेरा देश बंटा हुआ है. यह राजनीतिक कारणों से और राजनीतिक लाभ के चलते बंटा हुआ है. विभिन्न धर्मों के स्तर पर बंटा हुआ है, समुदायों के स्तर पर बंटा हुआ है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, क्या बंटी हुई क्रिकेट टीम मैच जीत सकती है? कभी नहीं. फिर भला एक देश कैसे आगे बढ़ सकता है? हमें फिर से भारत को फिर से एकजुट करना है. सभी लोगों, धर्मों, राज्य और समुदायों को साथ लाना है. बंटा हुआ भारत सफल और मजबूत नहीं हो सकता. अगर हमारा महान देश बंटा रहेगा तो कभी मजबूत नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, यह दुखद है कि बेरोजगारी से लड़ने पर चर्चा करने की बजाय हम एक दूसरे झगड़ा कर रहे हैं. 21वीं सदी में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. गांधी ने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि हम कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं. हम भाजपा मुक्त भारत नहीं चाहते हैं. हम एकजुट भारत चाहते हैं जहां हर कोई कहे कि हम पहले भारतीय हैं. उन्होंने कहा, हमें पूरा भरोसा है कि हम यह लोकसभा (चुनाव) जीतेंगे और भारत को फिर से एकजुट करेंगे.
उन्होंने कहा, भारत के डीएनए में अहिंसा है. महात्मा गांधी अहिंसा के महान वाहक थे. महात्मा गांधी ने भारत की प्राचीन संस्कृति, इस्लाम, ईसाई और दूसरे सभी धर्मों से अहिंसा का विचार लिया था. गांधी ने कहा, हमारे घोषणापत्र में भारत के भविष्य के लिए योजना होगी. इसमें करोड़ों भारतीयों की भावना प्रकट होगी. मैं चाहता हूं कि इस घोषणाापत्र आपकी भी आवाज हो. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपकी आवाज आपके देश में सुनी जाये. यूएई में भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना करते हुए गांधी ने कहा, आप लोगों ने इस देश को बनाने में मदद की है. जब भी मैं यहां आता हूं कि तो आप लोगों पर मुझे पर गर्व होता है. आप लोगों ने कड़ी मेहनत, प्रेम और सहिष्णुता के साथ इस देश को को आगे बढ़ाने में मदद की है. उन्होंने कहा, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आपकी उपलब्धियां महान हैं. मैं कहना चाहता हूं कि आप लोग भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं. मैं हर उस भारतीय के बारे में बात कर रहा हूं जो कहीं भी रहता है. आप लोगों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. एनआरआई की मदद के बिना भारत वहां नहीं पहुंच सकता था जहां आज वह है.