इराक़: चरमपंथियों का ‘पश्चिमी सरहद पर क़ब्ज़ा’

इराक़ से मिल रही ख़बरों में कहा गया है कि सुन्नी चरमपंथियों ने देश के पश्चिमी हिस्से में जॉर्डन और सीरिया से लगने वाली सीमा पर दो और चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है. आईएसआईएस के लड़ाकों और विद्रोहियों के क़ब्ज़े में अब कुल तीन सीमा चौकियां हैं. ये सभी चौकियां अनबार प्रांत में हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2014 5:26 PM

इराक़ से मिल रही ख़बरों में कहा गया है कि सुन्नी चरमपंथियों ने देश के पश्चिमी हिस्से में जॉर्डन और सीरिया से लगने वाली सीमा पर दो और चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है.

आईएसआईएस के लड़ाकों और विद्रोहियों के क़ब्ज़े में अब कुल तीन सीमा चौकियां हैं.

ये सभी चौकियां अनबार प्रांत में हैं जो देश का सबसे बड़ा प्रांत है.

इसबीच, देश के उत्तरी इलाक़ों से मिल रही ख़बरों में कहा गया है कि तल अफ़र कस्बे के हवाई अड्डे पर भी विद्रोहियों ने नियंत्रण कर लिया है.

सुन्नी दबदबे वाले अनबार प्रांत में चरमंपथियों ने बीते दो दिनों में सीरिया की सीमा से सटे क़ैम, रुतबा, रावा और अनाह कस्बों पर क़ब्ज़ा किया है.

यह सभी कस्बे सामरिक रूप से बहुत महत्व रखते हैं.

ख़बर ये भी है कि रविवार को बंदूकधारियों ने सीरिया की सीमा पर अल वलीद और जॉर्डन की सीमा पर तुराइबिल चौकियों पर नियंत्रण कर लिया है.

इराक़ी सरकार के लिए झटका

इरबिल में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर के मुताबिक़, ऐसा प्रतीत होता है कि राजधानी बग़दाद के उत्तर और पूर्वोत्तर में लगभग 70 किलोमीटर के दायरे में थोड़ा ठहरने के बाद सुन्नी विद्रोही एक बार फिर आगे बढ़ने लगे हैं.

उनका ध्यान आंशिक रूप से अनबार प्रांत पर है जहां आबादी का बड़ा हिस्सा सुन्नी है.

यहां रहने वाले क़बाइली लोगों के एक नेता का कहना है कि प्रांत का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा विद्रोहियों के पास है.

इराक़ में मौजूदा संकट की शुरुआत होने से पहले राजधानी बग़दाद से केवल 30 किलोमीटर दूर फ़लुजा शहर और प्रांतीय राजधानी रमादी का लगभग आधा हिस्सा जनवरी तक विद्रोहियों के नियंत्रण में था.

कई जगहों पर पुलिस और सेना अपने ठिकानों से चली गई है. ख़ून-ख़राबे से बचने के लिए चरमपंथियों ने उन्हें जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया था.

तल अफ़र हवाई अड्डे पर चरमपंथियों के नियंत्रण की ख़बर यदि सही निकली तो इराक़ी सरकार के लिए यह बुरी ख़बर होगी.

इसकी वजह यह है कि सरकार इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल नज़दीकी शहर मोसूल को दोबारा हासिल करने के लिए करना चाहती है.

इसबीच, अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने आईएसआईएस को सिर्फ़ इराक़ नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए ख़तरा बताया है.

जॉन कैरी का कहना है कि इराक़ के नेताओं को अब जातीय आधार से ऊपर उठना होगा.

उन्होंने कहा कि इस हफ़्ते मध्य पूर्व की यात्रा के दौरान वह अन्य देशों में भी यही बात दोहराएंगे.

उन्होंने आईएसआईएस की वित्तीय मदद करने वाले लोगों को चेतावनी भी दी है.

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