वाशिंगटन : चीन के मजबूत घातक बल के निर्माण से अमेरिका की चिंता बढ़ गयी है. अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा है कि चीन हवा, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में आधुनिक क्षमताओं के साथ तेजी से एक मजबूत घातक बल का निर्माण कर रहा है. इसकी मदद से वह क्षेत्र में तथा क्षेत्र से बाहर अपनी धाक जमा सकेगा.
अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा खुफिया विश्लेषक डैन टेलर ने मंगलवार को पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कूटनीतिक उद्देश्यों में चीन को महान शक्ति का दर्जा दिलाना भी शामिल है.’ इस मौके पर रक्षा विभाग ने कांग्रेस की ‘चीन : सैन्य शक्ति के युद्ध करने और जीतने के लिए बल का आधुनिकीकरण करना’ रिपोर्ट को जारी किया गया.
उन्होंने कहा कि चीन के नेताओं ने अपने दीर्घकालिक सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम को ‘महान शक्ति का दर्जा’ हासिल करने के लिए अनिवार्य माना है. टेलर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर चीन जमीन, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और सूचना क्षेत्र में क्षमताओं का विस्तार करने के साथ मजबूत घातक बल का निर्माण कर रहा है, जिससे वह क्षेत्र में तथा उसके बाहर अपनी धाक जमा सकेगा.’
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टेलर ने कहा कि पिछले दशक के दौरान अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती के खिलाफ अभियान से लेकर पूर्वी और दक्षिणी चीन सागरों में सेना की मौजूदगी बढ़ाने तक चीन ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का राष्ट्रीय ताकत दिखाने के एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की इच्छा दिखायी है.
उन्होंने कहा, ‘भविष्य में परमाणु शक्ति संतुलन, पावर प्रोजेक्शन, साइबरस्पेस, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैसे क्षेत्रों में आधुनिकीकरण पीएलए की बढ़ती क्षमताओं में अहम कारक साबित होंगे.’ उन्होंने कहा कि चीन गैर युद्ध अभियानों जैसे कि मानवीय सहायता, आपदा राहत, समुद्री डकैती के खिलाफ और शांति रक्षा अभियानों के लिए भी क्षमताएं विकसित कर रहा है.
स्टील्थ बॉम्बर बनाने के उद्देश्य
उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में पीएलए अन्य आधुनिक सेनाओं के मुकाबले तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और हथियारों में अधिक कुशल हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन नये मध्यम और लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर (रेडार से बच निकलने में सक्षम बमवर्षक) का भी निर्माण कर रहा है, जिनमें क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों तक मार करने की क्षमता है. इन बमवर्षक विमानों के साल 2025 तक तक बेड़े में शामिल होने की संभावना है.
टेलर ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने 21वीं सदी के प्रारंभिक दशक की अंतरराष्ट्रीय वातावरण में कूटनीतिक अवसर के रूप में पहचान की है, जिससे चीन को ‘व्यापक राष्ट्रीय शक्ति’ के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी.