भारत सूखा से निपटने में नेतृत्व प्रदान कर सकता है: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण उपशमन व्यवस्था (यूएनसीसीडी) का कहना है कि भारत के पास मरुस्थलीकरण और सूखा जैसी चुनौतियों को उन्नत भू-उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से अवसरों में तब्दील करने तथा इस संबंध में ठोस कार्रवाई की जरुरत महसूस कर रही दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने की प्रचुर संभावना है . यूएनसीसीडी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2019 3:57 PM

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण उपशमन व्यवस्था (यूएनसीसीडी) का कहना है कि भारत के पास मरुस्थलीकरण और सूखा जैसी चुनौतियों को उन्नत भू-उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से अवसरों में तब्दील करने तथा इस संबंध में ठोस कार्रवाई की जरुरत महसूस कर रही दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने की प्रचुर संभावना है .

यूएनसीसीडी की कार्यकारी सचिव मोनिक बारबुट की यह टिप्पणी तब आयी जब उन्होंने घोषणा की कि भारत मरुस्थलीकरण, भू-क्षरण और सूखे पर अगले वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी करेगा. यह सम्मेलन नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में 7-18 अक्टूबर तक चलेगा. संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण उपशमन व्यवस्था से जुड़े 197 देशों के सहभागियों के समक्ष पहली बार अहम नये वैज्ञानिक आंकड़े मौजूद होंगे. उनके सम्मुख 2000 से भू-क्षरण की प्रवृत्तियों पर पर्यवेक्षण आंकड़े उपलब्ध होंगे जो मरुस्थलीकरण से प्रभावित 169 देशों में से 120 से जुटाये गये हैं.
उन्हें अंतरसरकारी जलवायु परिवर्तन पैनल (आईपीसीसी) द्वारा मरुस्थलीकरण और जलवायु परिवर्तन पर तैयारी पहली रिपोर्ट मिलेगी. आईपीसीसी जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्राधिकार है. बारबुट ने कहा, ‘‘भारत उन देशों में एक है जो मरुस्थलीकरण से प्रभावित हैं और अब वह नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है जिनमें बार बार सूखा आना, धूल या बालू के तूफान हैं. इस देश के पास इन चुनौतियों को उन्नत भू-उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से अवसरों में तब्दील करने तथा ठोस कार्रवाई की जरुरत महसूस कर रही दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने की प्रचुर संभावना है.”

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