इस साल और अधिक होगा कार्बड डाईऑक्साइड का उत्सर्जन : अध्ययन
लंदन : बढ़ते प्रदूषण को लेकर बढ़ रही वैश्विक चिंता के बीच एक और बुरी खबर है कि इस साल कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) के उत्सर्जन में और तेजी आ सकती है. ब्रिटेन में मौसम विभाग कार्यालय और एक्जेटर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की यह आशंका कई कारकों पर आधारित है. इनमें मानवजनित उत्सर्जन बढ़ना और ऊष्णकटिबंधीय […]
लंदन : बढ़ते प्रदूषण को लेकर बढ़ रही वैश्विक चिंता के बीच एक और बुरी खबर है कि इस साल कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) के उत्सर्जन में और तेजी आ सकती है. ब्रिटेन में मौसम विभाग कार्यालय और एक्जेटर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की यह आशंका कई कारकों पर आधारित है.
इनमें मानवजनित उत्सर्जन बढ़ना और ऊष्णकटिबंधीय जलवायु परिवर्तनशीलता के कारण पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा कार्बन डाईऑक्साइड लिए जाने में अपेक्षाकृत कमी आना शामिल हैं . एक्जेटर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड बेट्स ने कहा, ‘‘हवाई स्थित मौना लोआ वेधशाला में वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड की सघनता में 1958 से करीब 30 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गई है.
” उन्होंने कहा कि ऐसा जीवाश्म ईंधनों, वनों की कटाई और सीमेंट उत्पादन के कारण उत्सर्जन से हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस साल कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करने वाले प्राकृतिक स्रोतों के भी कमजोर रहने की आशंका है , इसलिए मानव जनित रिकॉर्ड उत्सर्जन का प्रभाव पिछले साल से भी अधिक होगा.” मौसम विज्ञान कार्यालय ने आशंका जताई कि वायुमंडल में इस साल कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) का उत्सर्जन 2018 की तुलना में 2.75 भाग प्रति दस लाख (पीपीएम) अधिक होगा. बेट्स ने कहा कि वर्ष 2019 में औसत कार्बन डाईऑक्साइड सघनता 411.3 पीपीएम रहने की आशंका है.