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इनोवेशन से जगायी बड़ी आस

सक्सेस स्टोरी समुद्री कचरा वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है और बड़े-बड़े वैज्ञानिक इस परेशानी का हल नहीं ढूंढ पा रहे हैं. लेकिन पुणे के 12 वर्षीय छात्र हाजिक काजी ने इस मुश्किल का हल निकालने के लिए एक शिप डिजाइन की है. उम्मीद है कि यह शिप समुद्री जल […]

सक्सेस स्टोरी

समुद्री कचरा वैश्विक स्तर पर एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है और बड़े-बड़े वैज्ञानिक इस परेशानी का हल नहीं ढूंढ पा रहे हैं. लेकिन पुणे के 12 वर्षीय छात्र हाजिक काजी ने इस मुश्किल का हल निकालने के लिए एक शिप डिजाइन की है. उम्मीद है कि यह शिप समुद्री जल से कचरा निकालने में काफी मददगार साबित होगी.
ऐसे आया शिप बनाने का विचार : हाजिक बताते हैं कि शिप बनाने का विचार उनके मन में स्कूल के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान आया. तब उनकी उम्र महज नौ वर्ष थी. हुआ यूं कि एक दिन उनके स्कूल में कहा गया कि हम जिन चीजों के बारे में परवाह करते हैं, उन पर बात करें. इसे बाद हाजिक ने कई वृत्तचित्र देखे और जाना कि समुद्री जीवन पर अपशिष्ट का किस हद तक प्रभाव पड़ता है. इस दौरान उन्होंने पाया कि हम जिस समुद्री मछली को खाते हैं, असल में वह प्लास्टिक को अपना आहार बना रही है. इसका मतलब यह हुआ कि प्रदूषण का यह चक्र घूम-फिर कर हमारे पास ही आ रहा है. इस वजह से मानव जीवन पर खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है. यह सब देखकर हाजिक के मन में समुद्री जीवन को बचाने के लिए कुछ करने का विचार आया.
ऐसे काम करता है इरविस : हाजिक कहते हैं कि एक दिन सिंक में हाथ धोते हुए उन्होंने पानी को सिंकहोल में विलुप्त होते देखा. बस यहीं से उन्हें कचरा चूसने वाली मशीन की तकनीक मिली. उसी वक्त उन्होंने सोच लिया कि समुद्र को साफ करने व समुद्री जीवों को बचाने के लिए वे इसी अवधारणा का इस्तेमाल कर शिप तैयार करेंगे. और इस प्रकार शिप ‘इरविस’ बनकर तैयार हो गया. इस शिप को आधुनिक रूप देने के लिए हाजिक ने वैज्ञानिकों और थ्रीडी डिजाइनरों के साथ मिलकर काम किया. वास्तव में यह शिप एक बड़ी नाव है, जो हाइड्रोजन और रिन्यूएबल नेचुरल गैस से चलती है. इसमें अलग-अलग कक्ष बने हुए हैं जिसके चारों तरफ एक सॉसर लगा हुआ है. सतह के केंद्र पर तैरते हुए यह सॉसर एक भंवर बनाता है, इस प्रकार कचरा उस भंवर में फंस जाता है. इसके बाद सॉसर में लगा सेंट्रल आउटलेट कचरे को निगलता है और एक ट्यूब के माध्यम से उसे शिप में बने अलग-अलग कक्षों में भेज देता है. हाजिक कहते हैं कि असल में यह शिप एक तरह का बड़ा वैक्यूम क्लीनर है, जिसमें डस्ट बैग के साथ कई क्लीनिंग ट्यूब लगे हैं. कचरे के एक बार कक्ष में जाने के बाद इरविस उसकी पहचान कर उसे अलग करता है और उसे फिल्टर करता है. इसके बाद समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचाये बिना फिल्टर किये हुए पानी को वापस समुद्र में फेंक देता है. शिप में कचरा एकत्रित होने के बाद उसे रीसाइक्लिंग के लिए भेज दिया जाता है.
एलन मस्क हैं प्रेरणास्रोत : एलन मस्क को प्रेरणास्रोत मानने वाले हाजिक कहते हैं कि समुद्री प्रदूषण खत्म करना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि आज अज्ञानता धरती की सबसे बड़ी दुश्मन बन गयी है. वे यह भी कहते हैं कि धरती पर आज जो संकट खड़ा हुआ है, उसमें हम सभी का योगदान है. अपने पिता की सलाह को याद करते हुए हाजिक आगे कहते हैं कि इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक जो समस्या पैदा करते हैं और दूसरे जो इसका समाधान निकालते हैं. तो हमें समस्या का समाधान निकालने वाला बनना चाहिए. वे इनोवेटर्स को भी यही सलाह देते हैं.
-प्रस्तुति : आरती श्रीवास्तव

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