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स्विगी से मंगाया खाना, निकला बैंडऐड

<p>इन दिनों घर या दफ़्तर में बैठे-बैठे खाना ऑर्डर करना बेहद आम हो गया है. लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो खाना खाने से पहले जांच ज़रूर लें.</p><p>ऐसा ना करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया. उन्होंने स्विगी की मदद से एक रेस्तरां से चिकन शेज़वान चोप सोए ऑर्डर किया था.</p><p>लेकिन जब वो […]

<p>इन दिनों घर या दफ़्तर में बैठे-बैठे खाना ऑर्डर करना बेहद आम हो गया है. लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो खाना खाने से पहले जांच ज़रूर लें.</p><p>ऐसा ना करना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया. उन्होंने स्विगी की मदद से एक रेस्तरां से चिकन शेज़वान चोप सोए ऑर्डर किया था.</p><p>लेकिन जब वो उसे खाने बैठे तो कुछ सोए खाने के बाद पैकेट में अजीब सी चीज़ दिखी, जो हक़ीक़त में इस्तेमाल की गई बैंडऐड थी. </p><p>बालामुरुगन दीनदयाल का कहना है कि वो आधा खाना खा चुके थे जब उन्हें ये बैंडऐड दिखा. </p><p>डिलिवरी ऐप स्विगी को टैग कर लिखे पोस्ट में दीनदयाल ने लिखा, &quot;छी! आधा खाने के बाद मुझे ये सना हुआ बैंडऐड मिला. मैंने रेस्टोरेंट से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि वो इसके बदले दूसरा खाना भेज देंगे. कौन दोबारा ऐसा गंदा खाना खाना चाहेगा. मैंने स्विगी से बात करने की कोशिश भी की. लेकिन खाना डिलीवर होने के बाद उनसे कॉल पर सीधे बात करने का कोई विकल्प ही नहीं है. उनसे सिर्फ़ चैट पर बात की जा सकती है, लेकिन वो वहां भी जवाब नहीं दे रहे.&quot;</p><p><strong>'</strong><strong>मुक़दमा </strong><strong>करुंगा'</strong></p><p>बालामुरुगन ने लिखा कि वो रेस्टोरेंट और स्विगी दोनों पर मुक़दमा करना चाहते हैं. &quot;क्योंकि स्विगी ने ऐसे रेस्टोरेंट से पार्टनरशिप कर रखी है, जो साफ़-सफ़ाई की छोटी-मोटी चीज़ों का भी ख़्याल नहीं रखते – जैसे हैंड ग्लव्स इस्तेमाल करना और उंगलियों में ज़ख़्म होने पर कर्मचारियों को किचन में ना आने देना.&quot;</p><p>इसके बाद स्विगी ने बालामुरुगन दीनदयाल की इस पोस्ट पर कमेंट कर सफ़ाई दी. </p><p>स्विगी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि हम इस मामले की कड़ी जांच करेंगे और रेस्टोरेंट से बात कर पता लगाएंगे कि आख़िर ये सब कैसे हुआ.</p><h1>कई और लोगों ने भी की शिकायतें</h1><p>बालामुरुगन की इस पोस्ट पर कई और लोगों ने भी कमेंट किए. एक ने कमेंट में ही बताया कि उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था. </p><p>पाखी शर्मा ने कहा, &quot;कुछ दिन पहले मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था. बंगलुरु स्थित विगनन नगर के चेल्लाप्पस से बिरयानी ऑर्डर की थी, जिसमें मुझे मरा हुआ कॉकरोच मिला. मैंने स्विगी से इसकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने मुझे बदले में दूसरा खाना देने की पेशकश की. हद है.&quot; </p><p>इस पर भी स्विगी ने जवाब देकर कहा कि वो रेस्टोरेंट से इस बारे में बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों. </p><p>बालामुरुगन दीनदयाल के इस पोस्ट पर और भी कई लोगों ने अपनी-अपनी शिकायतें की. </p><p>कुछ दिन पहले भी दक्षिण भारत के मदुरै में ऐसी ही हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें ज़ोमैटो का एक डिलिवरी मैन डब्बा खोलकर ग्राहक का खाना खा जाता है और फिर उस डब्बे को दोबारा बंद कर देता है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46538792">ज़ोमैटो के डिलिवरी मैन से लोगों को क्यों हैं ‘सहानुभूति'</a></li> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2016/08/160811_ola_uber_hc_akd">’ओला, उबर ज्यादा पैसे नहीं चार्ज कर सकेंगे'</a></li> </ul><p>वीडियो सामने आने के बाद उस डिलिवरी मैन को नौकरी से निकाल दिया गया था. </p><p>इस तरह की घटनाओं के बाद से देश की डिलिवरी इंडस्ट्री को लेकर बहस छिड़ गई है. लेकिन डिलिवरी मैन को नौकरी से निकालने जाने के बाद कई लोगों ने इस पेशे में मौजूद लोगों के काम के घंटों, मुश्किल स्थितियों और कम तनख़्वाह को लेकर सहानुभूति भी जताई थी.</p><h1>लाखों कर्मचारी</h1><p>ऐप आधारित डिलिवरी भारत में हाल ही में शुरू हुई है. लेकिन कुछ वक़्त में ही ये इंडस्ट्री काफ़ी विस्तार ले चुकी है. खाने के अलावा लोग किराने का सामाना और फ़र्नीचर तक डिलिवरी के ज़रिए घर मंगाने लगे हैं.</p><p>ज़ोमैटो के मुताबिक़ उसने डिलिवरी के काम के लिए भारत में क़रीब 15 लाख लोगों को नौकरी पर रखा है.</p><p>वहीं क़रीब एक लाख लोग डिलिवरी ऐप स्विगी के लिए काम कर रहे हैं.</p><p>कई कंपनियां ये जानकारी सार्वजनिक नहीं करतीं कि वो हर महीने कितना खाना या सामान डिलिवर कर रही हैं. लेकिन हाल ही में ज़ोमैटो ने एक बयान जारी कर दावा किया था कि वो हर महीने क़रीब 2.1 करोड़ फूड ऑर्डर डिलिवर कर रही है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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