जल वैज्ञानिक बन संवारें करियर

वाटर साइंस यानी जल विज्ञान अपने आप में बड़ी शाखा है, जिसका अध्ययन आपके कॅरियर में चार चांद लगा सकता है. वाटर साइंटिस्ट के तौर पर आप जहां पानी पर कई प्रयोग कर सकते हैं, वहीं सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में सेवाएं देकर अच्छा वेतनमान प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको वाटर साइंस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2019 2:05 AM

वाटर साइंस यानी जल विज्ञान अपने आप में बड़ी शाखा है, जिसका अध्ययन आपके कॅरियर में चार चांद लगा सकता है. वाटर साइंटिस्ट के तौर पर आप जहां पानी पर कई प्रयोग कर सकते हैं, वहीं सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में सेवाएं देकर अच्छा वेतनमान प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको वाटर साइंस में कोर्स करना होगा. जल वैज्ञानिकों के लिए इस फील्ड में काफी स्कोप है.

क्या है वाटर साइंस
वाटर साइंस पानी की पृथ्वी और भूमिगत क्रियाओं से संबंधित विज्ञान है. इसमें पृथ्वी पर उपस्थित चट्टानों और खनिजों के साथ पानी की भौतिक, रासायनिक और जैविक क्रियाओं के साथ-साथ सजीव शरीर-रचनाओं के साथ इसकी विवेचनात्मक पारस्परिक क्रियाएं शामिल हैं. जल विज्ञान से जुड़े एक्सपर्ट जल विज्ञानी कहलाते हैं. जल विज्ञान के क्षेत्र में हाइड्रोमिटिरोलॉजी, भूतल, जल विज्ञान, हाइड्रोजिओलॉजी, ड्रेनेज बेसिन मैनेजमेंट और जल गुणवत्ता से संबंधित विषय आते हैं. इसकी कई शाखाएं हैं, जैसे- रासायनिक जल विज्ञान, पारिस्थितिकी जल विज्ञान, हाइड्रोइन्फॉरमैटिक्स जल विज्ञान, हाइड्रो मिटियोरोलॉजी, भूतल जल-विज्ञान.
यह होता है काम
जल वैज्ञानिक जलीय पर्यावरण की सुरक्षा, निगरानी और प्रबंधन के लिए व्यापक गतिविधियां संचालित करते हैं. जल विज्ञान के तहत डाटा की व्याख्या तथा विश्लेषण संबंधी गतिविधियां शामिल हैं और जल-वैज्ञानिक निरंतर उनके द्वारा जांच की जाने वाली भौतिक प्रक्रियाओं की अनुकरणात्मकता के लिए गणितीय मॉडल्स का विकास तथा प्रयोग करते हैं. इसके अलावा पानी के नमूने लेना तथा उनका रासायनिक विश्लेषण करना, नदियों तथा झीलों की स्थितियों की निगरानी के लिए जीव-विज्ञानियों और पारिस्थितिकीविदों के साथ कार्य करना भी इनके कार्यक्षेत्र में आता है. साथ ही ये बर्फ, हिम तथा ग्लेशियरों का अध्ययन, सूखे और बाढ़ का अध्ययन, बाढ़ के कारणों और भूमि प्रयोग में परिवर्तनों के परिणामों की जांच करना जैसे काम करते हैं.
यहां हैं संभावनाएं
वाटर साइंटिस्ट बनकर आप विभिन्न प्रकार के संगठनों के लिए काम कर अच्छी सैलेरी पा सकते हैं. सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में वाटर साइंटिस्ट को अच्छे वेतनमान पर नियुक्त किया जाता है. इसके अलावा आप परामर्शदाता के रूप में भी काम कर सकते हैं. जैसे- सिविल इंजीनियरिंग, पर्यावरणीय प्रबंधन और मूल्यांकन में सेवाएं उपलब्ध कराना. इसके अलावा आप नई विश्लेषणात्मक तकनीकों के जरिए शिक्षण और अनुसंधान कार्य भी कर सकते हैं. यूटिलिटी कम्पनियां और सार्वजनिक प्राधिकरण के साथ जुड़कर आप जलापूर्ति और सीवरेज सेवाएं प्रदान कर सकते हैं.
यह स्किल है जरूरी
जल संसाधन विकास और प्रबंधन में कॅरियर के लिए उम्मीदवार में सहनशीलता, दृढ़ता, विस्तृत और अच्छा विश्लेषण कौशल होना आवश्यक है. साथ ही टीम वर्क की भावना और प्रभावशाली कम्युनिकेशन इस फील्ड में बने रहने के लिए जरूरी है.
ये हैं कोर्स
देशभर की कई यूनिवर्सिटी जल-विज्ञान और जल-संसाधन विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स संचालित करती हैं. इनमें से ज्यादातर कोर्स पूर्ण-कालिक हैं, लेकिन कुछेक में अंश-कालिक आधार पर मॉड्यूलर कोर्स के रूप में प्रवेश लिया जा सकता है. जल-विज्ञान में कॅरियर के लिए प्रथम डिग्री का विकल्प उतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन जहां से आप कोर्स कर रहे हैं, वह संस्थान मान्यता प्राप्त होना चाहिए.
ये हैं प्रमुख संस्थान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की,
संपर्क – 01332-284531
https://www.iitr.ac.in/
एम. एस. बड़ौदा यूनिवर्सिटी, वड़ोदरा
संपर्क – 0265 279 5555
http://www.msubaroda.ac.in/
आन्ध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम
संपर्क – 089128 44000
http://andhrauniversity.edu.in/webnew/index.php
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली, संपर्क – 011 2787 1018
http://dtu.ac.in/
इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर, छत्तीसगढ़, संपर्क – 077121 02860
http://gecraipur.ac.in/

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