वाशिंगटन : पुलवामा आतंकी हमले से अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों में भी शोक की लहर है। अमेरिका के विभिन्न शहरों में ऐसे हजारों लोगों ने एकत्र होकर शोक प्रकट किया और इसके लिए दोषी लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की. पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इस आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया और दोनों ही देशों ने अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया.
रविवार को शिकागो के बाहरी इलाके में बने 9/11 स्मारक पर सैकड़ों लोग इकट्ठे हुये और सभी देशों से अपील करते हुये ऐसे ‘‘घृणित अपराधों” को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत के साथ खड़े होने की अपील की.
इस मौके पर पढ़े गए एक संयुक्त प्रस्ताव में पाकिस्तान से कहा गया कि वह उसकी जमीन से संचालित हो रहे सभी आतंकवादी समूहों को “सहयोग तत्काल” खत्म करे. इन लोगों ने नापेरविले में शांतिपूर्ण ढंग से मोमबत्ती जला कर विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह भारतीय सुरक्षाकर्मियों की शहादत पर शोक प्रकट करते हैं.
‘‘यह आतंकवाद, कायरता का कृत्य है. हमें आतंकवाद एवं बुराई के सामने दृढ़ रहना होगा.” उन्होंने कहा, “आतंकवाद का खतरा भारतीय, अमेरिकी या विश्व के लोगों की इच्छाशक्ति से ज्यादा बड़ा नहीं है. हमारी इच्छाशक्ति ज्यादा मजबूत है. हम दृढ़ता से आतंकवाद का सामना करेंगे. हम आतंकवाद के प्रायोजकों से दृढ़ता से निपटेंगे. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के इस साल में हम अहिंसक, शांतिप्रिय बने रहेंगे और उन लोगों को गले लगाने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे जो शांतिपूर्ण तरीके से हमारे साथ काम करना चाहते हैं.”
कृष्णमूर्ति ने कहा, “हम अपना बचाव करेंगे लेकिन अपना चरित्र नहीं बदलेंगे.” इसी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, सिलिकॉन वैली, लॉस एंजिलिस, डेट्रोइट, ह्यूस्टन और फीनिक्स में भी किया गया. प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से यह भी अपील की कि वह जैश और दूसरे आतंकी संगठनों को ‘‘कठोरता से दंड देने के लिए कदम” उठाये.