PM मोदी का पाक पर हमला, कहा – भारत पनाह और समर्थन वाले आतंकवाद से त्रस्त
रियाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा है कि भारत ‘सीमा पार से पनाह और समर्थन’ वाले आतंकवाद से पीड़ित है. उन्होंने आह्वान किया कि देशों को दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल बंद करना चाहिए और आतंकी ढांचों को नष्ट करना चाहिए तथा आतंकवाद का वित्तपोषण बंद […]
रियाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा है कि भारत ‘सीमा पार से पनाह और समर्थन’ वाले आतंकवाद से पीड़ित है. उन्होंने आह्वान किया कि देशों को दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल बंद करना चाहिए और आतंकी ढांचों को नष्ट करना चाहिए तथा आतंकवाद का वित्तपोषण बंद करना चाहिए.
अरबी भाषा के अखबार ‘ओकाज’ के बुधवार संस्करण और अंग्रेजी भाषा के अखबार ‘सऊदी गजट’ में प्रकाशित साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि भारत सभी तरह के चरमपंथ और आतंकवाद को खारिज करता है. साक्षात्कार पुलवामा अतंकी हमले के बाद ऐसे समय प्रकाशित हुआ है जब सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर हैं. पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी द्वारा किये गये आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गये थे. मोदी ने सऊदी अरब के करीबी सहयोगी पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा, भारत दशकों से सीमा पार से पनाह और समर्थन प्राप्त आतंकवाद का पीड़ित रहा है जिसने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चरमपंथ और और आतंकवाद की बुराई सभी राष्ट्रों और समाजों के लिए खतरा हैं और इसे किसी विशेष नस्ल, धर्म या संस्कृति से जोड़े जाने के किसी भी प्रयास को खारिज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम सभी देशों का यह आह्वान भी करते हैं कि वे अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करें, आतंकी ढांचों को नष्ट करें और इसका वित्तपोषण बंद करें. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी तरह के चरमपंथ और आतंकवाद को खारिज करता है चाहे इसके पीछे कहीं भी, किसी के भी द्वारा, कोई भी मकसद हो. क्षेत्र में आतंकवाद रोधी और प्राथमिक समुद्री मार्गों तथा स्वतंत्र नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-सऊदी अरब सहयोग की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में आतंकवाद रोधी, सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत हुआ है.