इस्लामाबाद : देश युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अप्रत्याशित जवाब के लिए तैयार रहे भारत. ये बातें पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को कही है. पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि उनका देश युद्ध नहीं चाहता. हालांकि, उसने भारत को चेतावनी दी कि अगर वह कोई भी आक्रामक सैन्य कदम उठाता है तो उसका ‘अप्रत्याशित’ जवाब दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि भारत ने ‘‘बिना उचित जांच’ के पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और भारत ने अब तक "विभाजन की वास्तविकता" को स्वीकार नहीं किया है.
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादी हमले को अंजाम दिये जाने के बाद सेना के प्रवक्ता ने कहा , ‘‘हमारा 72 वर्ष का इतिहास है. विभाजन 1947 में हुआ था और तब पाकिस्तान आजाद हुआ था. भारत अभी भी यह स्वीकार नहीं कर पाया है."
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं, आप (भारत) धमकी जारी कर रहे हैं… हमें धमकियों का जवाब देने का अधिकार है. हम पहल करने की तैयारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि बचाव और जवाब की योजना बना रहे हैं जो हमारा अधिकार है." उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप (भारत) पहले कोई प्रतिक्रिया शुरू करेंगे, तो आप हमें कभी चकित नहीं कर पाएंगे… हम आपको हैरान कर देंगे.’
गफूर ने चेताया कि युद्ध की स्थिति में इस बार सेना की प्रतिक्रिया अलग तरह की होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम अतीत की सेना नहीं हैं, हम एक कठोर सेना हैं. हमने एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और जीत हासिल की.’ गफूर ने तैयारियों की प्रकृति के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, "हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं और जिस जवाब की आवश्यकता होगी, हमने उसके लिए तैयारी की है.’
उन्होंने कहा कि गुरुवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना को किसी भी हमले की स्थिति में देश की रक्षा के लिए सभी कदम उठाने के लिए अधिकृत किया है. गफूर ने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान के लिए नकारात्मक था क्योंकि यह तब हुआ जब पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हो रही थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों की ‘‘विफलता’ को दर्शाता है. नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सुरक्षा बलों ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है … इसलिए पुलवामा हमला भारतीय सुरक्षा बलों की विफलता को दर्शाता है.’
उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर पर ‘‘आत्म-मंथन’ की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा हमला नियंत्रण रेखा से मीलों दूर हुआ. इस्तेमाल किए गए विस्फोटक स्थानीय किस्म के थे, इस्तेमाल किया गया वाहन स्थानीय था और जिसने हमले को अंजाम दिया, वह भी स्थानीय युवक था.’
गफूर ने कहा, ‘‘हम कह रहे हैं कि आइए हमले पर बात करें, आतंकवाद और शांति के बारे में बात करें. सबसे बड़ा मुद्दा कश्मीर है और आइए इस बारे में बात करें.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दो लोकतंत्र हैं और लोकतंत्र झगड़ा नहीं करते.’ बाद में एक बयान में उन्होंने कहा कि देश के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने एलओसी का दौरा किया और सैनिकों की तैयारियों की स्थिति की समीक्षा की.
आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बीच एलओसी पर सेना प्रमुख की यह पहली यात्रा थी. उन्होंने वहां तैनात सैनिकों को संबोधित भी किया.