इराक़: तिकरित में विद्रोहियों पर हमले जारी

इराक़ में उत्तरी शहर तिकरित पर दोबारा नियंत्रण के लिए सुन्नी विद्रोहियों के ठिकानों पर सेना के हमले जारी हैं. प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों का कहना है कि हवाई हमलों के अलावा शहर के अलग-अलग हिस्सों में सैनिकों और विद्रोहियों के बीच झड़पे हुई हैं. ख़बर है कि पड़ोसी दिलजा कस्बे से भी सैनिकों को मदद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2014 11:08 AM

इराक़ में उत्तरी शहर तिकरित पर दोबारा नियंत्रण के लिए सुन्नी विद्रोहियों के ठिकानों पर सेना के हमले जारी हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों का कहना है कि हवाई हमलों के अलावा शहर के अलग-अलग हिस्सों में सैनिकों और विद्रोहियों के बीच झड़पे हुई हैं.

ख़बर है कि पड़ोसी दिलजा कस्बे से भी सैनिकों को मदद के लिए तिकरित बुलाया गया है.

तिकरित पर सुन्नी विद्रोहियों ने 11 जून को क़ब्ज़ा कर लिया था.

लेफ्टिनेंट जनरल क़ासिम अट्टा ने पत्रकारों को बताया, ”सुरक्षाबल अलग-अलग इलाक़ों से आगे बढ़ रहे हैं. वहां झड़पें हो रही हैं.”

प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी एपी को बताया है कि उत्तरी ज़िले क़दिसियाह में भी विश्वविद्यालय के नज़दीक लड़ाई जारी है जहां कुछ दिन पहले सैनिकों ने अपनी पकड़ थोड़ी मज़बूत कर ली थी.

एक अज्ञात अधिकारी ने समाचार एजेंसी एपी को यह भी बताया कि एक हवाई ठिकाने के आसपास भी लड़ाई हो रही है जिसका इस्तेमाल पहले अमरीकी सेना करती थी.

प्रत्यक्षदर्शियों और पत्रकारों ने बीबीसी को बताया है कि शनिवार को तिकरित में विद्रोहियों के अलग-अलग धड़ों और इराक़ी सुरक्षाबलों के बीच भीषण लड़ाई हुई थी.

बताया जाता है कि इसमें दोनों ओर से कई लोग हताहत हुए हैं.

ख़बर है कि आईएसआईएस के नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया है और पायलट को बंधक बना लिया है.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तिकरित तक पहुंचने वाले रास्तों पर विद्रोहियों ने बड़ी संख्या में उन्नत विस्फोटक उपकरण लगाए हैं जिनकी वजह से सैनिकों को आगे बढ़ने में दिक्क़तों का सामना करना पड़ा.

लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल अट्टा का कहना है कि शनिवार को हमले के दौरान इस तरह के कई विस्फोटक उपकरणों को धमाके से उड़ा दिया गया है.

इस दौरान, लड़ाई की वजह से तिकरित में स्थानीय लोगों की हालत बुरी होती जा रही है.

तिकरित में एक अस्पताल में फंसी 46 भारतीय नर्सों में से एक नर्स मरीना जोस ने बीबीसी को बताया, ”हम यहां और एक दिन नहीं रह सकते हैं. पूरी रात हम अस्पताल के आसपास धमाकों की आवाज़ सुनते रहे.”

इस बीच इराक़ का कहना है कि उसे रूस से सैन्य विमानों की पहली खेप मिल गई है जिनका इस्तेमाल चरमपंथियों से निपटने में किया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पांच सुखोई विमान तीन से चार दिन के भीतर काम पर लग जाएंगे.

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