महंगाई काबू कर पाएगी मोदी सरकार?

वर्तिका बीबीसी संवाददाता बढ़ती महंगाई ने सरकार को परेशानी में डाल दिया है. सरकार के मुताबिक़ बजट में जनता को महंगाई से राहत के उपाय मिल सकते हैं. लेकिन अर्थशास्त्री एमके वेणु कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से महंगाई से जूझ रही है. उनके मुताबिक़ इसकी वजह महंगाई को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2014 11:08 AM

बढ़ती महंगाई ने सरकार को परेशानी में डाल दिया है. सरकार के मुताबिक़ बजट में जनता को महंगाई से राहत के उपाय मिल सकते हैं.

लेकिन अर्थशास्त्री एमके वेणु कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद से महंगाई से जूझ रही है.

उनके मुताबिक़ इसकी वजह महंगाई को लेकर एक डर पैदा होना है.

यह डर उत्तर और पश्चिम भारत के कई राज्यों में ख़राब मानसून की भविष्यवाणी से उपजा है.

केंद्र सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण पाने के उपायों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक बुलाई है.

वेणु कहते हैं, ”खाद्य पदार्थों की महंगाई की वजह से ही पिछली सरकार लोकसभा चुनाव हारी थी. कुछ ऐसा ही नरेंद्र मोदी सरकार के साथ भी हो रहा है. इसका परिणाम अगले साल महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव में देखने को मिल सकते हैं.”

उनकी राय है कि महंगाई से निपटने के लिए एक ख़ास तरह की गवर्नेंस चाहिए, जो इस सरकार के पास नहीं है. इसलिए महंगाई काबू में आ नहीं पा रही है.

मॉनसून

उनका कहना है कि ”महंगाई के कुछ कारण ऐसे हैं जिनका कुछ नहीं किया जा सकता. जैसे इराक़ को लेकर और ख़राब मॉनसून. इसलिए इस सरकार के सामने काफ़ी गंभीर स्थिति पैदा हो गई है.”

उनका कहना है कि पिछले तीन हफ़्तों में इराक़ में जारी हिंसा की वजह से तेल के दाम 11 फ़ीसद तक बढ़े हैं. डीज़ल और पेट्रोल के दामों में उछाल आया है.

सरकार ने रेल का यात्री और माल भाड़ा भी बढ़ा दिया. चीनी के दाम पिछले एक हफ़्ते में क़रीब 30 फ़ीसदी तक ज़्यादा हो गए.

वेणु कहते हैं कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार को अपने साढ़े छह करोड़ टन के खाद्य भंडार को ग़रीब जनता तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए.

अच्छे दिन का नारा

वेणु कहते हैं कि अच्छे दिन वाले नारे की वजह से ही लोगों ने नरेंद्र मोदी को वोट दिया था मगर अच्छे दिन आते हुए नहीं दिख रहे.”

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