कोलकाता : पश्चिम बंगाल माकपा सचिव सूर्य कांत मिश्रा ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को विपक्षी खेमे में ‘भाजपा का ट्रोजन होर्स’ बताया और लोगों से आगामी लोकसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस या वाम मोर्चे के मजबूत उम्मीदवारों के लिए वोट देने का अनुरोध किया.
उन्होंने माना कि अगर राज्य में माकपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे का समझौता हो गया होता, तो यह बेहतर होता, क्योंकि इससे भाजपा विरोधी और तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट ज्यादा से ज्यादा मिलते.
माकपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा सरकार के पिछले पांच साल देश और लोगों के लिए ‘पूरी तरह विनाशकारी’ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान में प्रतिष्ठापित धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य का भविष्य मोदी सरकार के नेतृत्व में दांव पर है.’
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मिश्रा ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य में भाजपा विरोधी और तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोट ज्यादा से ज्यादा मिले. इसलिए हमने सीटों के बंटवारे और उन छह लोकसभा सीटों पर आपस में नहीं लड़ने के समझौते की कोशिश की, जिन पर पिछली बार कांग्रेस और माकपा जीती थी, लेकिन यह नहीं हो पाया.’
उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस के साथ आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेलना चाहता. यह लोगों को निर्णय लेना होगा कि क्यों यह समझौता नहीं हुआ.’ दोनों पार्टियां अब 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. राज्य में कुल 42 सीटें हैं और वहां सात चरणों में चुनाव होंगे. माकपा और कांग्रेस ने 2016 विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर समझौता किया था, लेकिन वह तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में नाकाम रहीं.
यह पूछे जाने पर कि क्या माकपा केंद्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन करेगी, जैसा कि उसने 2004 में किया, इस पर मिश्रा ने कहा, ‘हम केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं. अगर वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार को भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारे समर्थन पर निर्भर रहने की जरूरत पड़ती है, तो निश्चित तौर पर हम समर्थन देंगे.’
उन्होंने विपक्ष का भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की कोशिशों पर तृणमूल कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसके पिछले राजनीतिक इतिहास के कारण भगवा पार्टी के खिलाफ उसकी लड़ाई पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘विपक्ष की एकजुटता को लेकर ममता बनर्जी के तथाकथित प्रयास और कुछ नहीं, बल्कि भाजपा की मदद करने का षड़यंत्र है. वह और उनकी पार्टी विपक्षी खेमे में भाजपा का ‘ट्रोजन हॉर्स’ हैं. वह अपने विकल्प हमेशा खुले रखती हैं.’
बनर्जी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वही थीं, जिन्होंने भाजपा से गठबंधन करने के लिए कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और कभी किसी धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के लिए काम नहीं किया.