‘जीत से एक क़दम आगे, हार से दस क़दम’

स्वाति बक्शी बीबीसी संवाददाता, दिल्ली उम्र का अक़्ल और उपलब्धियों से कोई लेना देना नहीं है. इस बात के सुबूत ढूंढना बहुत मुश्किल नहीं है. महज़ 28 बरस की उम्र में भी बेशुमार सफलता आपके क़दमों में हो सकती है. बिलियर्ड्स और स्नूकर में नौ विश्व ख़िताब अपने नाम करना, देश के सबसे बेहतरीन प्रोफ़ेशनल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2014 5:56 PM

उम्र का अक़्ल और उपलब्धियों से कोई लेना देना नहीं है. इस बात के सुबूत ढूंढना बहुत मुश्किल नहीं है.

महज़ 28 बरस की उम्र में भी बेशुमार सफलता आपके क़दमों में हो सकती है.

बिलियर्ड्स और स्नूकर में नौ विश्व ख़िताब अपने नाम करना, देश के सबसे बेहतरीन प्रोफ़ेशनल बिलियर्ड्स और स्नूकर खिलाड़ी के तौर पर पहचाने जाना वो ख़िताब जीतना जो आज तक देश में किसी ने ना जीता हो और नज़र हमेशा लक्ष्य पर रखना मुश्किल है लेकिन पंकज आडवाणी ने पिछले एक दशक में ये कर दिखाया है.

हाल ही में मिस्र के शर्म-अल-शेख में आईबीएसएफ़ वर्ल्ड 6-रेड स्नूकर चैंपियनशिप में ख़िताब जीतकर बिलियर्ड्स और स्नूकर में छोटी और बड़ी दोनों ही स्पर्धाओं में ये कामयाबी पाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए.

दबाव में मज़ा

'जीत से एक क़दम आगे, हार से दस क़दम' 2

पंकज आडवाणी ने बिलियर्ड्स का हर ख़िताब अपने नाम किया है.

अपने लगातार बेहतर प्रदर्शन के बारे में पंकज कहते हैं, "निरंतरता दरअसल एक मानसिक स्थिति है. खेल में तनाव के क्षण आएंगे ये हर खिलाड़ी को पता होता है. कुछ लोग सोचते हैं कि हम तनाव के वक़्त ऐसे खेलेंगे. उससे ऐसे निबटेंगे. मैं दबाव का मज़ा लेता हूं."

वो कहते हैं, "मैं जानता हूं कि उस वक़्त बेहद संयम और धैर्य के साथ खेलना होता है. जीत आपको एक क़दम आगे ले जाती है लेकिन हार दस क़दम."

बिलियर्ड्स की दुनिया में ऐसा कोई विश्व ख़िताब नहीं बचा है जो पंकज ने अपने नाम ना किया हो.

भविष्य

भारत में बिलियर्ड्स और स्नूकर के भविष्य को लेकर पंकज आश्वस्त हैं लेकिन कहते हैं, ”खेल को लोगों तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी प्रशासनिक संस्थाओं की है. इसे स्कूलों तक पहुंचाने की ज़रूरत है ताकि ज़मीनी स्तर पर लोग इस खेल से जुड़ें और ज़्यादा खिलाड़ी उभरें. इस दिशा में अभी बहुत कुछ किए जाने की ज़रूरत है.”

अपनी स्थिति और ख़ुद को मिली स्पॉन्सरशिप से पंकज काफ़ी संतुष्ट हैं लेकिन इस खेल में महिलाओं के स्थिति को लेकर वो निराशा हैं.

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