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यहां चाय बेचनेवाले का भी है पूरे खगड़िया पर दावा

नदियों की बेढ़ब चाल के कारण टोडरमल ने जो फरकिया की जमीन की पैमाइश का काम छोड़ा उसे अंग्रेजों ने भी छूने से इनकार कर दिया. लिहाजा इस इलाके के जमीन के कागजात और मालिकाना हक का दावा कभी विवाद से परे रहा ही नहीं. ऐसे में इलाके के 60 फीसदी झगड़ों का कारण भूमि-विवाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

नदियों की बेढ़ब चाल के कारण टोडरमल ने जो फरकिया की जमीन की पैमाइश का काम छोड़ा उसे अंग्रेजों ने भी छूने से इनकार कर दिया. लिहाजा इस इलाके के जमीन के कागजात और मालिकाना हक का दावा कभी विवाद से परे रहा ही नहीं. ऐसे में इलाके के 60 फीसदी झगड़ों का कारण भूमि-विवाद साबित हो रहा है.

हर दूसरा किसान जमीन के मुकदमेबाजी में व्यस्त है. इन्ही हालात में जहां जमीन के लिए अमौसी नरसंहार जैसी घटना घट जाती है तो सड़क किनारे चाय बेचने वाला एक दुकानदार भी पूरे शहर पर मालिकाना हक का दावा कर बैठता है.
पुष्यमित्र की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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