1984 के बाद से गुजरात से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं
अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य और लंबे समय से भाजपा के गढ़ रहे गुजरात में 1984 के बाद से कोई मुस्लिम सांसद चुन कर नहीं आया है. 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भरूच से चुनाव जीते थे. राज्य की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी करीब नौ […]
अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य और लंबे समय से भाजपा के गढ़ रहे गुजरात में 1984 के बाद से कोई मुस्लिम सांसद चुन कर नहीं आया है. 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भरूच से चुनाव जीते थे. राज्य की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी करीब नौ फीसदी है और वे पारंपरिक रूप से कांग्रेस समर्थक रहे हैं.
कांग्रेस नेता पटेल 1984 में चंदूभाई देशमुख को हराकर चुनाव जीते थे. हालांकि 1989 में वह देशमुख से ही हार गए थे. पटेल इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और वह भरूच सीट से 1977 और 1980 में भी चुनाव जीते थे. चुनावी विशलेष्कों का मानना है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा 1990 में राज्य के सोमनाथ से शुरू कर उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक निकाली गई रथयात्रा के बाद हिंदुत्व का उभार हुआ और इसका नतीजा यह रहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा.
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने हर लोकसभा चुनाव में राज्य में कम से कम एक मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा किया है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा इस दिशा में कदम उठाया जाना बाकी है.
राजनीतिक विश्लेषक डा . हरी देसाई ने बताया, पूर्व में बनासकांठा और यहां तक की भरूच जैसी सीटों पर भी मुस्लिम सांसद रहे हैं जहां हिंदुओं की आबादी अधिक है. लेकिन 1990 की रथयात्रा के बाद से ध्रुवीकरण के कारण किसी मुस्लिम उम्मीदवार का जीतना असंभव जान पड़ता है.