Loksabha Elections 2019 : प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सोशल मीडिया पर भी नियमन जरूरी

नयी दिल्ली : चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया को भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भांति चुनाव नियमों के तहत लाया जाना चाहिए और देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव आयोग को उसके विषयवस्तु पर नजर रखनी चाहिए. विशेषज्ञों और अधिवक्ताओं ने सोमवार को अपनी यह राय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2019 9:06 PM

नयी दिल्ली : चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया को भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भांति चुनाव नियमों के तहत लाया जाना चाहिए और देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव आयोग को उसके विषयवस्तु पर नजर रखनी चाहिए.

विशेषज्ञों और अधिवक्ताओं ने सोमवार को अपनी यह राय रखी. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने 11 अप्रैल को होने जा रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले संवाददाताओं से कहा कि सोशल मीडिया के लिए अलग से कानून नहीं हो सकते और उसे जन मीडिया का ही एक प्रकार माना जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि नेताओं और दलों को सोशल मीडिया में कुछ भी पोस्ट करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी चाहिए साथ ही उन्हें सोशल मीडिया के इस्तेमाल में आये खर्च का भी विवरण देना चाहिए.

कुरैशी ने कहा, सोशल मीडिया भी मीडिया ही है. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए जो दिशानिर्देश हैं वही सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी लागू होते हैं. इसके लिए अलग से कानून नहीं हो सकता.

वरिष्ठ अधिवक्ता तथा दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष के सी मित्तल ने भी कुरैशी के विचारों को समर्थन दिया. मित्तल ने कहा कि देश को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जरूरत है और जहां तक धनबल और मीडिया की बात है, तो दलों और उम्मीदवारों के बीच समान अवसर होना चाहिए.

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