बिहार: सांसत में फंसी है प्रत्याशियों की जान, बोले वोटर- टाइम आयी त दिखाई, केकरा ला रोपाई

जीवेश रंजन सिंहतीन लोकसभा क्षेत्र, एक अंदाज: वोटरों की चुप्पी, चुनाव आयोग की सख्ती, नहीं काम आ रही जादू की झप्पीभागलपुर : वासंतिक नवरात्र, चैती छठ, रामनवमी और शब-ए-बरात की तैयारियों के बीच माह का पहला रविवार (सात अप्रैल) उत्साहित करनेवाला नहीं लगा. लोकसभा के महापर्व के इस माहौल में भागलपुर, बांका और जमुई जैसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2019 8:39 AM

जीवेश रंजन सिंह
तीन लोकसभा क्षेत्र, एक अंदाज: वोटरों की चुप्पी, चुनाव आयोग की सख्ती, नहीं काम आ रही जादू की झप्पी
भागलपुर :
वासंतिक नवरात्र, चैती छठ, रामनवमी और शब-ए-बरात की तैयारियों के बीच माह का पहला रविवार (सात अप्रैल) उत्साहित करनेवाला नहीं लगा. लोकसभा के महापर्व के इस माहौल में भागलपुर, बांका और जमुई जैसे तीन लोकसभा सीटों के कुछ महत्वपूर्ण इलाकों का सफर कहीं से इस बात का एहसास नहीं दिला पाया कि रणक्षेत्र क्षत्रपों से सज गया है. वज्रवाण से लेकर शब्दबेधी वाण जैसे मारक शस्त्र चल रहे हैं.

जहां भोजपुरी टच रखनेवाले इलाकों में न तो चइता की लहरी …हो राम चइत मासे की गूंज है और न ही पूजा और बाजार में उत्साह. खास कर जमुई की बात करें, जहां सिर्फ दो दिन बाद एवीएम में सबकुछ लॉक हो जाना है, तो वहां भी अब तक सबकुछ अनलॉक सा है. आमने-सामने की टक्कर में हैं एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान और महागठबंधन के भूदेव चौधरी. शहर में किसिम-किसिम की बड़ी गाड़ियों संख्या बढ़ी है, पर 112 किलोमीटर के सफर के दौरान रास्ते में मिलनेवाले चुनाव कार्यालयों और भोंपू वाले वाहनों की संख्या 10 तक भी नहीं (सबका मिला कर) पहुंची. हद तो यह की राजनीतिक रूप से हमेशा फड़फड़ाते रहनेवाले जमुई शहर में भी सन्नाटा था.

खेत-खलिहान-स्कूल-अस्पताल की भी चर्चा नहीं हो रही. ऊपर से चुनाव आयोग के कानून-कायदे की दोधारी तलवार. प्रत्याशियों के समर्थक और खुद प्रत्याशी इसी सन्नाटे व हालात से चिंतित हैं. राजनीतिक गुणाभाग के रथी-महारथी भी इस बार के चुनाव में कील ठोंक कर कुछ कहने से गुरेज कर रहे, सबका बस यही है कहना : भइया, जनता तो जनार्दन है.

एक नजर में कहां क्या दिखा

बूढ़ानाथ चौक (भागलपुर लोकसभा क्षेत्र)
बाबा बूढानाथ के दर्शन के लिए आने वाले लोगों के अलावा स्थानीय लोगों की जिवंतता के कारण भी यह चौक भागलपुर के जाने-माने चौको में एक है. कभी भी यहां जायें भीड़ मिलेगी, पर सुबह चाय की दुकान पर भीड़ होने के बाद भी कोई चुनावी चर्चा नहीं हो रही थी. हां, अचानक बगल से एक पार्टी की गाड़ी से सड़क पर फेंके जाते पर्चे और एक नेताजी की गाड़ी के प्राइवेट भोंपू से अपने प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार होता देख लोग मुस्कुरा कर रह गये. कौन जीतेगा के सवाल पर चाय की प्याली बढ़ा कर चुप हो गये मनोज बाबू.

अकबर नगर (बांका लोक सभा क्षेत्र)

स्टेशन चौक पर चाय दुकान पर कुछ युवाओं की टोली खड़ी थी. इंटर की परीक्षा पर गरमागरम चर्चा जारी थी. रमेश कुमार ने इंटर की परीक्षा पहले श्रेणी से पास की है, सभी उसे लेकर भागलपुर पार्टी लेने आने की तैयारी में थे. सिनेमा भी देखना था. उनमें दो साथी पहली बार वोट देंगे. चुनाव के संबंध में पूछे जाने पर कहा : देखेंगे, बात करेंगे, अभी क्या कहें.

शाहकुंड बाजार (बांका लोक सभा क्षेत्र)

रविवार को हाट लगता है. धीरे-धीरे बाजार में गरमाहट बढ़ रही थी. यहां के बाजार में खास कर भागलपुर से ही सामान-खाद्यान्न-सब्जी लाकर बेचते हैं. बाजार के बीचोबीच है सरकारी परिवहन विभाग का रिजेक्टेड शेड. जगह-जगह से टूट चुके इस जर्जर और खतरनाक घोषित शेड में लाइन से ठाकुर बैठते हैं, जो पीढ़े पर बैठा कर बाल काटते हैं, दोनों कोने पर दो चाय की दुकानें हैं. चाय की चुस्की के बीच गरमागरम बहस चल रही थी. पर जैसे ही चुनावी चर्चा शुरू किया कि सब चुप हो गये. कुरेदने पर पास के गांव कसबाखिरी के भवेश ठाकुर ने कहा कि हवा का रुख देख रहे हैं, फिर सोचेंगे और इसके साथ ही वो दाढ़ी बनाने में लग गये, तो चाय बना कर पिला रहे मकनपुर के मनु यादव ने कहा चाय पिला-पिला कर पांच बच्चों को पाल रहे, पर सबको पढ़ाते हैं, मेरा बच्चा चाय न बेचे ऐसा व्यवस्थापक चाहिए. पर वोट किसको देंगे इस सवाल पर एक और चाय वो बढ़ा देते हैं यह कहते हुए कि इसके पैसे नहीं लगेंगे. इसी बीच हवा के झोंके सा पहुंचते हैं जयप्रकाश सिंह और शुरू हो जाते हैं विकास की बहार के चर्चा पर. तब तक चाय पी कर वहां से निकल लेते हैं लोग, पर सब यही बोल जाते हैं : अभी की कहिए बाबू, देखल जइतै.

लखनपुर, तारापुर (जमुई लोकसभा क्षेत्र)

लखनपुर ताजा गन्ना के रस के लिए प्रसिद्ध है. सड़क किनारे के ठेलों पर हमेशा भीड़ रहती है. खेत से गन्ना काट कर लाकर पिलाने की कला के कारण यहां हरगाड़ी रुकती है. पर जैसे ही मनोहर से वोट की चर्चा हुई वो और तेजी से मशीन में गन्ना डालने लगे, रस जरूर पिला दिया, पर किस प्रत्याशी के हिस्से रस जायेगा बोलने से परहेज कर गये.

लक्षमीपुर चेकपोस्ट (जमुई लोकसभा क्षेत्र)

लक्ष्मीपुर के इलाके में चहल-पहल दिखी. चेकपोस्ट पर खड़े पुलिसवालों ने गाड़ी चेक करवाने के लिए साइड में लगवा दिया. यहीं पर सरिता जी की चाय दुकान है. स्मार्ट फोन पर व्यस्त गंवई मिजाजवाली सरिता जी वोट के सवाल पर लगातार मुस्कुराती रहीं, इतना जरूर कहा कि वोट देने तो जरूर जायेंगे, पर किसको देंगे के सवाल पर कहा सोचेंगे.

पारो बाजार (जमुई लोकसभा क्षेत्र)
शांत और मिलजुल कर रहनेवाला इलाका है पारो. राजनीतिक रूप से सजग हैं यहां के लोग. बताते हैं कि यहां सुबह से शाम तक कई गाड़ियां घूम जाती हैं, पर उत्साह के सवाल पर चुप रह जाते हैं. हां यह जरूर कहते हैं कि वोट तो जरूर देंगे, पर किसको इस पर फिर चुप्पी.

जमुई बाजार (जमुई लोकसभा क्षेत्र)
इलेक्ट्रोनिक की छोटी दुकान में दर्जनभर युवा और बुजुर्ग व्यवसायियों के साथ शुरू हुई चर्चा इस बात का सुकुन दे गयी कि सबने कहा कि वोट प्रतिशत नहीं गिरने देंगे. पर इसका कोई संकेत नहीं दिया कि उनका पत्ता क्या रहेगा.

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