दीपक कुमार मिश्रा
पटना : प्रमुख राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में चार कुंवारे को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है. चारों हैवीवेट उम्मीदवार हैं. कोई खुद हैवीवेट हैं, तो किसी के पिता राजनीति के चैंपियन हैं. सभी कुंवारे अपनी-अपनी सीट पर मुख्य मुकाबले में हैं. संसद एक्सप्रेस पर सवार चारों कुंवारों को जनता की हरी झंडी का इंतजार है. अब जनता किनको- किनको हरी झंडी दिखाती है, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.
इसमें चिराग पासवान दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. अन्य पहली बार मुकाबले में हैं. इस बार के चुनावी दंगल में जदयू, रालोसपा , लोजपा और भाकपा ने एक-एक कुंवारे को चुनाव मैदान में उतारा है. जमुई से लोजपा ने चिराग पासवान को फिर से मैदान में उतारा है. वे अभी जमुई से सांसद भी हैं. वे लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. पिता रामविलास पासवान की गिनती देश के बड़े नेताओं में होती है. एक चाचा बिहार सरकार में मंत्री हैं, तो दूसरे समस्तीपुर के सांसद. इनका मुकाबला रालोसपा के भूदेव चौधरी से है.
भागलपुर से जदयू ने अविवाहित अजय कुमार मंडल को चुनाव मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला राजद के बुलो मंडल से है. वे विधायकी की तीसरी पारी खेल रहे हैं. पहली बार कहलगांव से विधायक चुने गये थे. 2010 से नाथनगर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. भाकपा ने बेगूसराय से कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है. जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया अविवाहित हैं. बेगूसराय में इनका मुकाबला भाजपा के गिरिराज सिंह और राजद के तनवीर हसन जैसे दिग्गज नेताओं से है. रालोसपा ने मोतिहारी सीट से आकाश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. आकाश पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह के बेटे हैं. इनका मुकाबला केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से है.