रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा मंगलवार को लोकसभा में रेल बजट पेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद रेलखंड पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी और एफ़डीआई के ज़रिए रेल व्यवस्था में सुधार के लिए पैसा जुटाया जाएगा. यह नरेंद्र मोदी की सरकार का पहला रेल बजट है.
मोदी की ट्रेन में महंगा हुआ सफ़र
रेल बजट की प्रमुख बातें
1) रेल मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने एफ़डीआई के ज़रिए रेलवे व्यवस्था में सुधार की बात कही. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के ज़रिए पैसा जुटाया जाएगा.
2) साल 2014-15 में पांच नई प्रिमियम रेल गाडिय़ां चलाई जाएंगी. छह एसी एक्सप्रेस रेलगाड़ियां, 27 एक्सप्रेस और 8 पैसेंजर गाड़ियां चलाई जाएंगी.
3) रेल मंत्री ने कहा कि अगले पांच सालों में रेलवे के कामकाज को कागज रहित बनाया जाएगा. सभी प्रमुख स्टेशनों को अंतरराष्ट्री स्तर का बनाया जाएगा.
4) मुंबई-अहमदाबाद रेलमार्ग पर बुलेटे ट्रेन चलाने का प्रावधान. रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए सभी ज़रूरी अध्ययन कर लिए गए हैं.
5) रेलव सुरक्षा बल (आरपीएफ़) में 17 हज़ार पुरुष जवानों की भर्ती की जाएगी. महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरपीएफ़ में चार हज़ार महिला कांस्टेबुलों की भर्ती की जाएगी. साथ ही ट्रेन में चलने वाले आरपीएफ़ की टीम को मोबाइल फ़ोन दिए जाएंगे.
6) मुंबई-अहमदाबाद रेलमार्ग पर बुलेटे ट्रेन चलाने का प्रावधान. रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए सभी ज़रूरी अध्ययन कर लिए गए हैं. नौ रूटों पर 160-200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार वाली सेमी-हाइस्पीड ट्रेनें चलाई जाएंगी.
7) ए-1 और ए श्रेणी की रेलवे स्टेशनों पर वाई-फ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान. साथ ही इंटरनेट के जरिए प्लेटफ़ार्म टिकट और अनारक्षित टिकट लेने की सुविधा शुरू की जाएगी.
8) कर्मचारी हित निधि का अंशदान प्रतिव्यक्ति पांच सौ रुपए से बढ़ाकर आठ सौ रुपए किया गया.
9) रेल मंत्री ने कामकाजी लोगों के लिए ट्रेन में वर्क स्टेशन की सुविधा देने की घोषणा की है. इसके लिए यात्रियों से शुल्क लिया जाएगा. इसका पायलट प्रोजक्ट शुरू किया जाएगा.
10) रेलवे के सभी विश्रामालय की अब ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरु की जाएगी.
11) रेलवे स्टेशन पर सफ़ाई की ज़िम्मेदारी को आउटसोर्स किया जाएगा और पहले यह 50 रेलवे स्टेशनों पर किया जाएगा.
12) रेल मंत्री ने कहा कि 2013-14 में रेलवे एक रुपए का 94 पैसा रेल के परिचालन पर खर्च करती है. जिसका मतलब है कि नई सुविधाओं के लिए केवल छह फ़ीसद ही बचता है. उन्होंने कहा कि रेलवे की चालू परियोजनाओं के लिए पांच लाख करोड़ रुपए की ज़रूरत है.
रेलमंत्री के बजट पेश करने के दौरान और उनका भाषण खत्म होने के बाद संसद में काफ़ी हंगामा हुआ. रेल मंत्री ने एक कविता कहते हुए अपने भाषण को समाप्त किया.
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