कृष्णानगर (पश्चिम बंगाल) : पूर्व भारतीय गोलकीपर कल्याण चौबे जब फुटबॉल खेलते थे, तो उनका काम था विपक्षी टीम को गोल करने से रोकना. पर अब चुनावी समर में उनकी भूमिका पूरी तरह से बदल गयी है. अब वह भाजपा के लिए कृष्णानगर संसदीय सीट से गोल दागने की फिराक में हैं. चौबे (42) पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि फुटबॉल में उनका जो तर्जुबा है, वह उन्हें इस लोकसभा का मैच जीतने में मदद करेगा.
वह कहते हैं, ‘राजनीति फुटबॉल की तरह है, क्योंकि दोनों में टीमें खेलती हैं.’ नदिया जिला की कृष्णानगर संसदीय सीट पश्चिम बंगाल में भाजपा की उर्वर भूमि है. यह ऐसी सीटों में शामिल रही है, जहां से भाजपा पहले भी जीत चुकी है. पार्टी ने राज्य की 42 सीटों पर 23 प्रत्याशी उतारे हैं.
चौबे आशन्वित हैं कि लोग उन्हें दिल्ली भेज देंगे, क्योंकि वे तृणमूल कांग्रेस की हिंसा को बढ़ावा देने से मुक्ति चाहते हैं. चौबे ने बताया, ‘बीते साल पंचायत चुनाव में लोग जिले में वोट नहीं डाल सके. कई सीटें चुनाव लड़े बिना ही जीत ली गयीं और जहां चुनाव हुए, वहां पर लोगों को मतदान केंद्र से लौटा दिया गया.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मतदान शांतिपूर्ण होता है, तो हम यह सीट तृणमूल के कब्जे से छुड़ाने में सफल हो जायेंगे.’
टाटा फुटबॉल अकादमी से स्नातक चौबे ने 1999 से 2006 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया था. वह मोहन बागान और ईस्ट बंगाल की ओर से खेल चुके हैं. चौबे गोवा के सालगांवकर एफसी की ओर से भी खेल चुके हैं. चौबे का मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा से है. मोइत्रा मौजूदा विधायक हैं. यहां से माकपा ने कृषि वैज्ञानिक शांतनु झा को टिकट दिया है. यहां पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे.