अमरीका में कई मुसलमानों की जासूसी हुई

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन की ओर से जारी दस्तावेज़ से पता चला है कि अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सुरक्षा ख़तरों की पहचान के लिए पांच हाई-प्रोफाइल अमरीकी मुसलमानों के ईमेल की जासूसी कराई. एक ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट इंटरसेप्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ अमरीका की खुफ़िया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2014 10:09 AM

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन की ओर से जारी दस्तावेज़ से पता चला है कि अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने सुरक्षा ख़तरों की पहचान के लिए पांच हाई-प्रोफाइल अमरीकी मुसलमानों के ईमेल की जासूसी कराई.

एक ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट इंटरसेप्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ अमरीका की खुफ़िया एजेंसियों के निशाने पर वकील, प्रोफेसर और राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे.

हालांकि अमरीकी जांच एजेंसी एफ़बीआई और एनएसए ने कहा है कि कुछ संभावित कारणों की वजह से केवल अमरीकियों की जासूसी कराई गई थी.

जिनकी कथित तौर पर जासूसी कराई गई उनमें रिपब्लिकन पार्टी के एक कार्यकर्ता और अमरीकी गृह मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी फ़ैसल गिल, चरमपंथ से जुड़े मामलों के वकील असीम गफ़ूर, रटगर्ज़ यूनिवर्सिटी के ईरानी-अमरीकी प्रोफ़ेसर हूशांग अमीर अहमदी शामिल हैं.

इसके अलावा कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के एक पूर्व प्रोफ़ेसर आग़ा सईद और काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद की भी जासूसी कराई गई है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक़ सभी पांचों लोगों ने चरमपंथी गतिविधियों से जुड़ने की बात से इनकार किया है.

अमरीका के क़दम

एनएसए और न्याय मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमरीका के किसी भी नागरिक के ईमेल की तहकीकात तब की जाती है, जब ऐसी कोई संभावित वजह होती है.

इन एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है, "यह पूरी तरह ग़लत है कि अमरीका की खुफ़िया एजेंसियां किसी राजनीतिक या धार्मिक व्यक्ति या सक्रिय कार्यकर्ता की जासूसी इसलिए कराती हैं कि वे सार्वजनिक नीतियों से असहमत होते हैं या फिर सरकार की आलोचना करते हैं."

व्हाइट हाउस ने इन आरोपों के मद्देनज़र राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की समीक्षा करने का आदेश दिया है.

अमरीकी कांग्रेस ने ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन जासूसी पर रोक लगाने के लिए प्रतिनिधि सभा ने इस साल जून में एक क़ानून पारित किया था.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version