कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मतदान के दौरान दुबराजपुर के बूथ में केंद्रीय बलों द्वारा गोली चलाये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी है. उत्तर 24 परगना के बागदा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दुबराजपुर में सीआरपीएफ के जवान ने गोली चलायी है. केंद्रीय वाहिनी केवल मतदान केंद्र के दरवाजे पर रह सकते हैं. बूथ के अंदर घुसने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. यदि वे परेड भी करेंगे, तो राज्य पुलिस को साथ लेकर करेंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय वाहिनी भाजपा मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का वोट है. राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा रहा है. चोरी, डकैती होने पर राज्य पुलिस संभालती है, लेकिन वोट के लिए राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा रहा. केंद्रीय बल की निगरानी में वोट कराया जा रहा है, लेकिन कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. कानून व्यवस्था में केंद्र सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.
सुश्री बनर्जी ने एनआरसी का विरोध करते हुए कहा कि एनआरसी के नाम पर असम से 40 लाख लोगों के नाम हटा दिये गये हैं. इसमें 22 लाख हिंदू हैं. असम से बंगालियों को भगाया जायेगा, तो बंगाल में उन्हें शरण दिया जायेगा. उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि भाजपा कहती है कि बंगाल में एनआरसी लागू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बंगाल में एनआरसी लागू करके दिखा दें, उसके बाद देखें क्या होता है.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि भाजपा हिंदू और मुस्लिम में, आदिवासी और दलित में झगड़ा लगाने की साजिश कर रही है, लेकिन राज्य के लोग एक हैं. मोदी बाबू ने कहा था कि अच्छे दिन आयेंगे, लेकिन साढ़े चार वर्ष केवल विदेश घूमते रहे और अब चुनाव के समय बसंत का कोकिल हो गये हैं और वोट मांगने आ गये हैं, लेकिन राज्य में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी.
भाजपा को राज्य और देश में पूरी तरह से पराजय मिलेगी. उन्होंने कहा कि माकपा, कांग्रेस और भाजपा सभी एक है. तृणमूल इन तीनों के खिलाफ लड़ाई कर रही है. केवल तृणमूल कांग्रेस ही इनके खिलाफ लड़ाई कर रही है. कोई भी उन्हें धमका नहीं सकता. उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि राज्य में पूजा करने नहीं दिया जाता है, लेकिन मोदी बाबू ने पांच वर्ष में राम मंदिर नहीं बना सके, लेकिन बंगाल के गली-गली में मंदिर हैं और घर-घर में पूजा होती है.
ममता ने कहा कि भाजपा हिंदुत्व का अपमान कर रही है. हिंदुत्व को बदनाम कर रही है. उन्होंने कहा कि वह सब समय बड़ो मां के साथ थीं, लेकिन चुनाव आते ही भाजपा को मतुआ संप्रदाय की याद आयी है, लेकिन मतुआ संप्रदाय पूरी तरह से तृणमूल कांग्रेस के साथ है.