माहवारी की समस्या है प्री-मेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम

महिलाओं में माहवारी आने से पहले कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिन्हें मेडिकल टर्म में प्री-मेन्सट्रअल (पीएमएस)सिंड्रोम कहते हैं. इन लक्षणों में कुछ शारीरिक और कुछ मनोवैज्ञानिक होते हैं. ज्यादातर महिलाओं में ये लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं पर कुछ (10-15%) में ये लक्षण गंभीर हो जाते हैं. प्री मेन्स्ट्रअल सिंड्रोम में होनेवाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2014 12:29 PM

महिलाओं में माहवारी आने से पहले कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिन्हें मेडिकल टर्म में प्री-मेन्सट्रअल (पीएमएस)सिंड्रोम कहते हैं. इन लक्षणों में कुछ शारीरिक और कुछ मनोवैज्ञानिक होते हैं. ज्यादातर महिलाओं में ये लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं पर कुछ (10-15%) में ये लक्षण गंभीर हो जाते हैं.

प्री मेन्स्ट्रअल सिंड्रोम में होनेवाले बदलाव के कारण जीवनशैली/ रोजमर्रा के काम प्रभावित हो जाते हैं. ऐसे में डॉक्टर की सलाह की जरूरी है.

रोग के लक्षण
माहवारी आने से पहलेवाले हफ्ते में अगर इनमें से कोई एक या अधिक लक्षण हों, जैसे- बिना कारण दुखी या डिप्रेस्ड होना, रोजमर्रा के काम में रूचि खोना, काम से ज्यादा थकावट होना, अकारण गुस्सा या चिड़चिड़ापन, आलसीपन, भूख, ज्यादा लगना या किसी एक प्रकार के खाने के लिए लालायित होना, नींद आने में या तो दिक्कत होना या अत्यधिक सोना, स्तन में भारीपन, स्तन में दर्द, बदन में सूजन, सिरदर्द हो, तो काम करने की क्षमता या अभिरुचि में बदलाव आ सकता है. इसलिए अगर ऐसे लक्षण महसूस हो, तो नजरअंदाज न करें. इन लक्षणों में कुछ शारीरिक तो कुछ मानसिक भी होते हैं. इसलिए डॉक्टर ही उचित सलाह देंगे.

हॉर्मोन है इस रोग का कारण
इस रोग के कारणों का सही तरीके से पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ जैविक तत्वों जैसे महिलाओं में पाये जानेवाले एस्ट्रोजेन हॉर्मोन को इस रोग के होने का कारण माना गया है. इसके ज्यादातर लक्षण सक्रिय रूप से हर महीने महावारी के पहले नजर आते हैं. महावारी शुरू होने के चार-सात दिन पहले से शुरू होकर महावारी शुरू होने के चार से सात दिन के अंदर ठीक हो जाते हैं. इन दिनों में आनेवाले लक्षणों को गौर करें और एक नोट बनाएं कि कौन-कौन से लक्षण दिख रहे हैं और कब आते हैं और कब खत्म हो जाते हैं. दो-तीन महीने लक्षणों पर ध्यान दें और अगर वे साइक्लिक तरीके से आयें, तो तुरंत अपने डॉक्टर को संपर्क करें.

चीनी से रखें परहेज
स्त्री रोग विशेषज्ञ से दिखला कर उनसे सलाह लें. ये लक्षण किसी मनोवैज्ञानिक रोग के कारण भी हो सकते हैं या अन्य शारीरिक रोग जैसे-ब्लड प्रेशर और थायरॉयड रोगों से भी हो सकते हैं. डॉक्टर जांच से बता पायेंगे कि पीएमएस है या अन्य कोई रोग है. चिंता, उत्सुकता, उदासी, नींद न आने के लक्षणों के लिए डॉ कुछ मेडिसिन प्रिस्क्राइब्ड कर देंगे. ये दवाइयां मेडिसिन प्रिस्क्रिप्शन से ही मिलती हैं. सिरदर्द के लिए पारासिटामॉल ले सकती हैं. इस तरह के लक्षण कुछ विशेष खाने-पीने की इच्छा भी बढ़ा सकते हैं, जैसे- ज्यादा चीनी या कॉफी. उन दिनों में इनसे परहेज रखें.

डॉ मोनिका अनंत

असिस्टेंट प्रोफेसर (ओ एंड जी)

एम्स, पटना

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