बदलती शिक्षण पद्धति को आधार बनाते हुए सुभारती यूनिवर्सिटी ने खुद को हमेशा अपडेट किया है. चिकित्सीय क्षेत्र से शुरुआत करनेवाला यह विश्वविद्यालय आज अधिकतर क्षेत्रों के कोर्सो को अपने यहां संचालित करता है. विवि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाल रही हैं सुभारती केकेबी चेरिटेबल ट्रस्ट की प्रसिडेंट डॉ शैलजा राज..
सुभारती यूनिवर्सिटी के अतंर्गत मेडिकल क्षेत्र से संबंधित कई तरह के कोर्स कराये जा रहे हैं. इस क्षेत्र पर फोकस करने की कोई खास वजह ?
सुभारती का मतलब है एक अच्छा भारतीय, जिसके लिए यहां शिक्षा के साथ संस्कार भी दिये जाते हैं. सुभारती के संस्थापकों ने एक उज्ज्वल भारत का सपना देखा था. इसके लिए उच्चतम शिक्षा और स्वास्थ्य बहुत आवश्यक है. एक स्वस्थ इंसान ही अपने कर्म सफलतापूर्वक कर सकता है. इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में मेडिकल से संबंधित सभी क्षेत्रों में कोर्स सुचारू रूप से चल रहे हैं. ये कोर्स संबंधित काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. सुभारती अस्पताल द्वारा गांव-गांव में और कैंपों के माध्यम से मेडिकल सुविधा से वंचित क्षेत्रों में भी मेडिकल सुविधा पहुंचायी जाती हैं.
विश्वविद्यालय में रेग्युलर कोर्स के साथ ही डिस्टेंस एजुकेशन को भी शामिल किया गया है. इसका कोई विशेष कारण ?
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय को रेग्युलर कोर्सो के साथ-साथ कई विषयों पर डिस्टेंस एजुकेशन द्वारा कोर्स चलाने की मान्यता प्राप्त है, लेकिन डिस्टेंस और रेग्युलर विश्वविद्यालयों की पढ़ाई, प्राध्यापक, कोर्स सभी अलग-अलग संचालित किये जाते हैं. विश्वविद्यालय का उद्देश्य एक उज्ज्वल भारत की स्थापना में सहयोग देना है. इसके लिए आवश्यक है कि हर भारतीय शिक्षित हो. कई लोगों की पढ़ाई सामाजिक, पारिवारिक अथवा आर्थिक कारणों से छूट जाती है. ऐसे लोगों को डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी योग्यता बढ़ाने और भविष्य को उज्ज्वल बनाने का सुनहरा अवसर मिलता है.
किस कोर्स को विश्वविद्यालय की यूएसपी के रूप में देखा जाता है ?
संस्था ने शुरुआत में डेंटल, मेडिकल तथा नर्सिग कॉलेजों की स्थापना की. समय के साथ-साथ संस्था ने अन्य कॉलेज जैसे फिजियोथेरेपी, इंजीनियरिंग, लॉ, मैनेजमेंट, फाइन आर्ट्स आदि सभी क्षेत्रों में अपना कदम जमा लिया है. सबसे पुराना और अनुभवी होने के कारण डेंटल, मेडिकल और नर्सिग कॉलेज को विश्वविद्यालय की यूएसपी माना जा सकता है.
आपको क्या लगता है, इस समय किस क्षेत्र की ओर युवाओं का रुझान ज्यादा है ?
आज के समाज में युवाओं का रुझान टेक्नोलॉजी और शॉर्ट डिग्री कोर्सेस की तरफ अधिक है. इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता है कि माता-पिता अब भी अपने बच्चों को मेडिकल या इंजीनियरिंग कोर्सेस में ही भेजना पसंद करते हैं. लेकिन अब युवा फाइन आर्ट्स, जर्नलिज्म, योगा और कई अन्य ऐसे कोर्सेस में अपना भविष्य बनाना पसंद करते हैं, जिनमें सफलता जल्द मिलती है. विश्वविद्यालय इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए लगभग 180 कोर्स चला रहा है. ये सभी कोर्स संबंधित काउंसिल से मान्यता प्राप्त हैं.
त्नविवि में इस शैक्षिणिक सत्र से क्या प्रमुख परिवर्तन किये जा रहे हैं ?
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ छात्रों की पढ़ाई में भी कई बदलाव आये हैं. आज की तारीख में हर तरीके की सूचनाएं और अध्ययन सामग्री इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध है. आज सभी कॉलेजों में डिजिटल क्लासेस के माध्यम से छात्रों में रुचि पैदा की जा रही है. साथ ही इससे विषय को आसान बनाया जा रहा है. अब यह माध्यम इंजीनियरिंग और मेडिकल कक्षाओं में भी शुरू हो चुका है. आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थियों को उस विषय में लैक्चर की सीडी भी उपलब्ध करायी जाती है. मैनेजमेंट के छात्रों को लैपटॉप और होटल मैनेजमेंट के छात्रों को टैबलेट की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.
विश्वविद्यालय में आनेवाले बाहरी छात्रों को किस तरह की विशेष सुविधाएं दी जाती है ?
विश्वविद्यालय में अलग-अलग क्षेत्रों से छात्र पढ़ने आते हैं. एक समान वातावरण और छात्रों में समानता की भावना हेतु हर कोर्स में यूनिफॉर्म का प्रावधान है. बाहरी छात्रों के लिए एक अलग एयरकंडीशंड हॉस्टल की भी सुविधा उपलब्ध है. वाइ-फाइ कैंपस होने के कारण छात्रों को अपने परिजनों से संपर्क करने में कोई असुविधा नहीं होती है. एक अलग कमेटी का गठन किया गया है, जो बाहरी छात्रों की समस्याओं को सुन कर उनका अतिशीर्घ निवारण करती है.