पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में मेरे डर से आतंकवादी घटनाएं रूकीं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं
बहराइच (उप्र) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दावा किया कि उनके डर से देश में आतंकवादी घटनाएं रुकी हैं, मगर इस खतरे को पूरी तरह टालने के लिए केंद्र में उनके नेतृत्व वाली मजबूत सरकार दोबारा बनानी होगी. मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि उनकी सरकार की प्रतिबद्धता की वजह […]
बहराइच (उप्र) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दावा किया कि उनके डर से देश में आतंकवादी घटनाएं रुकी हैं, मगर इस खतरे को पूरी तरह टालने के लिए केंद्र में उनके नेतृत्व वाली मजबूत सरकार दोबारा बनानी होगी. मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि उनकी सरकार की प्रतिबद्धता की वजह से आतंकवाद सीमित दायरे में हो गया है. उन्होंने कहा ‘अब आपको मंदिरों, बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर बम धमाके की खबरें नहीं सुनायी देती हैं.
लेकिन ये मोदी के डर के कारण बंद हुआ है. अभी वो सुधरे नहीं हैं, खतरा अभी टला है, खत्म होना बाकी है. आज भी हमारे आसपास आतंकी नर्सरी चल रही है.’ उन्होंने कहा ‘इस क्षेत्र को रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के जरिये पूरे देश से जोड़ा जा रहा है, लेकिन याद रखिये जब आतंकवाद बढ़ता है तो उसका पहला शिकार आस्था के ऐसे ही केंद्र होते हैं, इसलिए देश को ऐसी ही मजबूत सरकार की जरूरत होगी.कमल पर पड़ने वाला वोट राष्ट्ररक्षा के लिए होगा.’ मोदी ने पूछा कि क्या आतंक की इस नर्सरी को सपा और बसपा बंद कर सकती हैं.इसके अलावा आतंकवाद से लड़ने वाले सैनिकों का विशेषाधिकार हटा देने की बात करने वाली कांग्रेस क्या आतंक से लड़ सकती है?
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की आज हालत ऐसी है कि उसे इस बात का पता ही नहीं है कि उसे प्रतिपक्ष का नेता बनने का मौका मिलेगा भी या नहीं. वर्ष 2014 में तो मौका मिला नहीं था.इस बार तो जनता इतने गुस्से में है कि 2019 में भी उन्हें कुछ नसीब नहीं होगा.उन्होंने कहा ‘जो लोग 50-55 सीट लेकर विपक्ष का नेता बनने तक की स्थिति में नहीं हैं, वो प्रधानमंत्री बनने के लिए दर्जी के पास कपड़े सिला रहे हैं.ये लोग चाहते हैं कि किसी भी तरह खिचड़ी सरकार बन जाए.कमजोर सरकार बन जाए.तब तीन महीने कोई प्रधानमंत्री बनेगा और तीन महीने कोई और.आपको क्या ऐसी बात मंजूर है.ऐसे लोगों को क्या वाकई देश और उसकी जनता के भविष्य की चिंता है?’
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