वाशिंगटन : अमेरिका के रक्षा विभाग ने घोषणा की है कि ईरान से कथित खतरे का मुकाबला करने के लिए वह पश्चिम एशिया में एक युद्धपोत और पैट्रियाट मिसाइलों की तैनाती कर रहा है. यह आयुध पहले भेजे जा चुके विमानवाहक पोत की मदद करेगा.
पेंटागन ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिकी बलों और हमारे हितों के खिलाफ अभियान चलाने की ईरान की व्यापक तैयारियों के संकेतों के बीच जवाबी कार्रवाई के लिए यह हथियार प्रणाली पश्चिम एशिया में यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और अमेरिकी वायुसेना बमवर्षक कार्यबल की मदद करेगी.’
एक दिन पहले ही अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी थी कि यदि वह या उसकी ओर से कोई और अमेरिकी हितों या नागरिकों पर किसी भी प्रकार हमला करता है, तो उसका ‘त्वरित एवं निर्णायक’ जवाब दिया जायेगा.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था, ‘ईरान को हमारे संयम को संकल्प की कमी समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. अभी तक ईरानी शासन ने हिंसा का विकल्प चुना है और हम तेहरान के उन लोगों से शासन का यह व्यवहार बदलने की अपील करते हैं, जो तनाव कम करके समृद्ध भविष्य की राह देखते हैं.’
पोम्पिओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान का जिक्र करते हुए यह बात कही थी, जब डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा था कि वह ‘किसी दिन ईरान के नेताओं के साथ बैठक करना चाहते थे, ताकि कोई समझौता किया जा सके और इससे भी जरूरी यह है कि ईरान जिस भविष्य का हकदार है, उसे वह देने की दिशा में कदम उठाया जा सके.’
पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि ईरान ने हालिया सप्ताह में अपने कदमों और बयानों से तनाव और बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों का रुख साफ है : ‘हम युद्ध नहीं चाहते’. उन्होंने कहा, ‘लेकिन 40 वर्षों से अमेरिकी जवानों की हत्या, अमेरिकी केंद्रों पर हमले और अमेरिकियों को बंदी बनाया जाना इस बात की लगातार याद दिलाते हैं कि हमें अपनी रक्षा में कदम उठाने ही होंगे.’