फुजैरा : सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि खाड़ी में रहस्यमय हमले में उसके दो तेल टैंकरों को काफी नुकसान पहुंचा है. क्षेत्र में पहले ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मॉस्को की निर्धारित यात्रा रद्द कर दी. अब वह ईरान पर यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ वार्ता के लिए ब्रसेल्स जायेंगे.
तेहरान ने हमलों को चिंताजनक बताते हुए जांच का आह्वान किया है और समुद्री सुरक्षा को बाधित करने के लिए विदेशी पक्षों के दुस्साहस को लेकर आगाह किया. ब्रिटेन ने अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने पर खाड़ी में अकस्मात रूप से संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर सख्त चेतावनी दी है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने कहा, मुझे लगता है कि हमें शांति की जरूरत है, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हर कोई समझे कि दूसरा पक्ष क्या सोच रहा है और सबसे ज्यादा हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ईरान को फिर से परमाणु सशस्त्रीकरण की राह पर नहीं भेजे क्योंकि, अगर ईरान परमाणु शक्ति बनेगा तो उसके पड़ोसी भी परमाणु शक्ति बनना चाहेंगे.
गौरतलब है कि ईरान की ओर से उत्पन्न कथित खतरे का मुकाबला करने के लिए फारस की खाड़ी में अमेरिका एक विमानवाहक पोत और बी-2 बमवर्षक विमानों की तैनाती कर रहा है. सऊदी अरब ने संयुक्त अरब अमीरात के तटीय क्षेत्र में वाणिज्यिक एवं असैन्य जहाजों को निशाना बनाये जाने की निंदा की. सूत्र ने कहा, यह आपराधिक कृत्य समुद्री नौवहन की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा पर विपरीत असर डालता है. संयुक्त अरब अमीरात ने रविवार को कहा कि अमीरात तट पर तोड़फोड़ की कार्रवाई में विभिन्न देशों के चार वाणिज्यिक पोतों को निशाना बनाया गया.
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा कि दोनों टैंकरों को काफी नुकसान पहुंचा है, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ या ना ही तेल गिरा. ना तो सऊदी अरब और ना ही संयुक्त अरब अमीरात ने हमले की प्रकृति के बारे में जानकारी दी. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने घटना और इसके संभावित नतीजों पर चिंता जतायी. मौसावी ने एक बयान में कहा, ओमान सागर में घटनाएं चिंताजनक और खेदजनक हैं.