अमेरिकी प्रयोगशालाओं में चीन के सैन्य वैज्ञानिकों पर रोक संबंधी विधेयक पेश

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने प्रतिनिधि सभा और सीनेट दोनों में एक से प्रस्ताव पेश किये हैं. इसके तहत अमेरिकी सरकार को उन वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची बनानी होगी, जो चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबद्ध हैं. यह विधेयक अमेरिका को ऐसे छात्रों को अथवा ऐसे रिसर्च वीजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2019 11:50 AM

वाशिंगटन : अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने प्रतिनिधि सभा और सीनेट दोनों में एक से प्रस्ताव पेश किये हैं. इसके तहत अमेरिकी सरकार को उन वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची बनानी होगी, जो चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबद्ध हैं. यह विधेयक अमेरिका को ऐसे छात्रों को अथवा ऐसे रिसर्च वीजा स्वीकार करने से रोकता है, जो चीनी सैन्य प्रतिष्ठानों के कर्मचारी हैं अथवा जिन्हें ये प्रतिष्ठान स्पॉन्सर करते हैं.

सीनेटर टॉम कॉटन, चक ग्रासले, टेड क्रूज, मार्शा ब्लैकबर्न, जोश हॉवले और मैक्रो रूबियो ने सीनेट में विधेयक पेश किया है, जबकि माइक गालाघर और विक्की हार्ट्ज़‍लर ने कांग्रेस में विधेयक को रखा. सांसदों का आरोप है कि अनुमान के मुताबिक, पिछले एक दशक में, पीएलए ने 2,500 से अधिक सैन्य इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को विदेश में अध्ययन करने के लिए भेजा है. कई बार, इन वैज्ञानिकों ने चीनी सेना के साथ अपने संबंधों का खुलासा नहीं किया.

कांग्रेस सदस्य गालाघर ने कहा, ‘हाल के वर्षों में, पीएलए ने अमेरिका सहित विदेशों में संवेदनशील शोध करने के लिए हजारों वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भेजा है. उन्होंने कहा, ‘पीएलए खुले तौर पर स्वीकार करता है कि वह नयी सैन्य प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए इन प्रयासों का लाभ उठाता है और हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके खतरे को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.’

ग्रासले ने कहा, ‘छात्र और अनुसंधान वीजा को उन विदेशी नागरिकों के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए, जो हमारे विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में योगदान करना चाहते हैं, न कि हमारे विदेशी विरोधियों और जासूसों के लिए जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. चीन ने बहुत लंबे समय से हमारा फायदा उठाया है.’

Next Article

Exit mobile version