भारतीय पेशेवर को एच-1बी वीजा देने से मना करने पर अमेरिकी सरकार पर मुकदमा

वाशिंगटन : सिलिकॉन वैली की एक आईटी कंपनी ने एक उच्च शिक्षित भारतीय पेशेवर को एच -1 बी वीजा देने से इन्कार करने पर अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. कंपनी ने इस फैसले को ‘मनमाना’ और ‘अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग’ बताया है. जेट्रा सॉल्यूशंस ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2019 3:38 PM

वाशिंगटन : सिलिकॉन वैली की एक आईटी कंपनी ने एक उच्च शिक्षित भारतीय पेशेवर को एच -1 बी वीजा देने से इन्कार करने पर अमेरिकी सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. कंपनी ने इस फैसले को ‘मनमाना’ और ‘अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग’ बताया है.

जेट्रा सॉल्यूशंस ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने प्रहर्ष चंद्र साई वेंकट अनीसेट्टी को अनुचित तरीके से एच-1बी वीजा देने से मना किया है. उन्हें बिजनेस सिस्टम एनालिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था.

इसमें कहा गया है कि वेंकट की तरफ से कंपनी के एच-1बी वीजा आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वेंकट को जिस नौकरी की पेशकश की गयी है, वह एच-1बी वीजा के लिए पात्र नहीं हैं. एच-1बी वीजा विशेष योग्यता के कामों के लिए मिलता है.

कंपनी ने अमेरिका की जिला अदालत से यूएससीआईएस के आदेश को निरस्त करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘वीजा आवेदन को अमान्य करने का पर्याप्त आधार नहीं दिया गया है. यह एक मनमाना तथा बिना सोचा-समझा निर्णय है और यह प्राप्त अधिकारों का स्पष्ट दुरुपयोग है.’

वेंकट के पास इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग) में स्नातक की डिग्री और टेक्सास विश्वविद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन में एमएससी की डिग्री है. उनके पास वर्तमान में पत्नी के जरिये वैध एच-4 आश्रित वीजा है. उनकी पत्नी के पास एच-1बी वीजा है.

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