पुरुष जो पिक्चर में बन गए औरत

भारतीय सिनेमा एक ऐसी जगह है जहाँ आमतौर पर लव स्टोरीज़ ही चलती आई हैं या फिर एक ऐसा हीरो जो सबकी नज़रे अपनी और खींच लेता है. हर वो आम शक़्स उस हीरो जैसा बनना चाहता है, उसकी तरह दिखना चाहता है, डांस करना चाहता है. यहाँ तक की उसके जैसे कपडे, जूते, चश्मे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2019 10:11 AM

भारतीय सिनेमा एक ऐसी जगह है जहाँ आमतौर पर लव स्टोरीज़ ही चलती आई हैं या फिर एक ऐसा हीरो जो सबकी नज़रे अपनी और खींच लेता है.

हर वो आम शक़्स उस हीरो जैसा बनना चाहता है, उसकी तरह दिखना चाहता है, डांस करना चाहता है. यहाँ तक की उसके जैसे कपडे, जूते, चश्मे भी मार्किट में मिलने लग जाते हैं. पर कभी कोई ऐसा नहीं होगा जो किन्नर जैसा बनना चाहेगा, चाहे वो किन्नर का किरदार कितना ही सुपरहिट क्यों न रहा हो. कई फिल्मों में ऐसे किरदार भी होते हैं जो हीरो तो नहीं होते पर पूरी फिल्म का ध्यान अपनी ओर बड़ी ही आसानी से खींच लेते हैं.

ये किरदार और कोई नहीं बल्कि उन पुरुषों का है जो या तो आदमी होकर औरत का रोल निभाते हैं या फिर एक किन्नर का.

आप 1999 की संघर्ष को ज़रा भी नहीं भूल पाएंगे, तनुजा चंद्रा द्वारा निर्देशित संघर्ष में आशुतोष राणा ने किन्नर का किरदार निभा कर हर किसी की साँसे रोक दी थी सिनेमा घरों में. फिल्म में आशुतोष राणा एक सनकी की भूमिका में नज़र आते हैं . यह फिल्म अपने समय की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी. इस फिल्म के लिए आशुतोष राणा को बेस्ट विलेन का अवॉर्ड मिला था.

एक दौर था जब भारतीय सिनेमा के विलेन हीरो को कड़ी चुनौती देते थे. हिंदी सिनेमा में कई ऐसे विलेन हुए जिनका नाम आज भी सभी की ज़ुबान पर हैं.

ऐसा ही एक किरदार है 1991 की फिल्म ‘सड़क’ की महारानी का. सदाशिव अमरापुरकर ने ‘सड़क’ फिल्म में महारानी का किरदार निभाया था, जो एक विलेन की भूमिका का था. लेकिन उसे लोगों ने बहुत पसंद किया था. इस रोल के लिए उन्हें अवॉर्ड से भी नवाजा गया था.

बड़े परदे पर कई किरदार ऐसी छाप छोड़ जाते हैं कि कभी-कभी असल ज़िन्दगी में भी लोग उनसे डरा करते हैं, ‘मर्डर-2’ में धीरज पांडे का किरदार निभाने वाले प्रशांत नारायणन ने अपनी एक्टिंग और अपने रोले से सबको डराया भी और फिल्म के विलेन की भूमिका बड़ी ही उम्दा तरीके से निभाई भी.

भारतीय सिनेमा में जितने भी अभिनेता के किरदार आ जाए पर दिमाग में वही बैठते हैं जो कुछ अलग कर दिखते हैं.

अब चाहे वो 2013 की फिल्म ‘रज्जो’ में महेश मांजरेकर का किन्नर का किरदार हो या फिर 2013 में आई तिग्मांशु धूलिया की फिल्म ‘बुलेट राजा’ में रवि किशन का किन्नर का वाला किरदार और या फिर चाहे 1997 की फिल्म ‘तमन्ना’ में परेश रावल के किन्नर का किरदार.

इन सभी किरदारों ने दर्शकों को चौंका दिया था.

लेकिन ये सभी वे किरदार थे जो भारतीय सिनेमा के साइड हीरो या साइड किरदार बने रहे. लेकिन अगले साल इस लिस्ट में एक नाया और बड़ा नाम जुड़ने जा रहा है.

वो नाम है अक्षय कुमार का. 2020 में भारतीय सिनेमा के खिलाड़ी माने जाने वाले अक्षय कुमार एक ऐसी ही फिल्म करने जा रहे हैं.

हाल ही में फ़िल्म ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ का पॉस्टर जारी किया गया जिसमें अक्षय कुमार काजल लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. पॉस्टर देखकर तो लग रहा है कि वे किसी महिला या किन्नर की भूमिका अदा करेंगे.

‘लक्ष्मी बॉम्ब’ तमिल फिल्म ‘मुनी:2 कंचना’ की रीमेक है, जिसके निर्देशक राघव लॉरेंस हैं.

इस फिल्म में किआरा आडवाणी और आर माधवन भी नज़र आयेंगे. फ़िल्म अगले साल 5 जून को रिलीज होगी.

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