सलेम (अमेरिका) : अमेरिकी न्यायाधीश ने ओरेगन के एक व्यक्ति को यहां सिख समुदाय के एक व्यक्ति पर हमला करने के जुर्म में सजा के तौर पर सिख धर्म का अध्ययन करने और उस पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अमेरिका में सिख नागरिक अधिकारों के सबसे बड़े संगठन ‘द सिख कोलिशन’ ने एक बयान जारी करके बताया कि दोषी एंड्रयू रामसे ने 14 जनवरी को हरविंदर सिंह डोड को धमकाने और उन पर हमला करने का जुर्म कबूल किया.
बयान में कहा गया कि धमकाने के आरोप को घृणा अपराध के तौर पर देखा जाता है. गवाहों के अनुसार, डोड ने बिना पहचान पत्र दिखाये रामसे को सिगरेट बेचने से मना कर दिया था. इसके बाद रामसे ने डोड की दाढ़ी खींची, उन्हें मुक्का मारा और जमीन पर गिरा दिया. वहां मौजूद लोगों ने पुलिस आने तक रामसे को पकड़ कर रखा.
डोड भारत से अमेरिका आये हैं और यहां उनकी एक दुकान है. उन्होंने अदालत को दिये एक लिखित बयान में कहा कि अमेरिका में घृणा अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. एफबीआई का भी कहना है कि ओरेगन में 2016 की तुलना में 2017 में घृणा अपराध 40 फीसदी तक बढ़ गये हैं.
डोड ने कहा, ‘उसने मुझे इंसान नहीं समझा. उसने मुझे इसलिए मारा कि मैं कैसा दिख रहा हूं. मेरी पगड़ी और दाढ़ी के लिए मारा. ये मेरी धार्मिक आस्था से जुड़ी चीजें हैं.’ पुलिस ने कहा कि रामसे ने डोड पर जूता भी फेंका और उनकी पगड़ी छीन ली.
‘द स्टेट्समेन जर्नल’ ने अपनी एक खबर में कहा कि मारिऑन काउंटी के जज लिंडसे पाट्रिड्ज ने रामसे को समेल में जून में सालाना सिख परेड में शामिल होने के आदेश दिया. साथ ही कहा कि वह अदालत को बताये की उसने सिख समुदाय और उनकी संस्कृति के बारे में क्या जाना.
न्यायाधीश ने कहा, ‘कट्टरता अज्ञानता का परिणाम है. हम सब अपने समुदाय की संस्कृतियों से सीखने और लाभान्वित होने की क्षमता रखते हैं.’ समाचार पत्र ने कहा कि न्यायाधीश ने रामसे को तीन साल की निगरानी और 180 दिन की कैद की सजा सुनायी है. इसमें अब तक की जेल अवधि को भी शामिल किया गया है.
न्यायाधीश ने कहा कि रामसे के लिए मादक पदार्थ, शराब और उसके मानसिक स्वास्थ्य का उपचार कराया जाना सबसे बढ़िया विकल्प है. रामसे को पहले भी घरेलू हिंसा, चोरी और मादक पदार्थ रखने का दोषी ठहराया जा चुका है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रामसे ने अदालत से कहा कि उसे हमेशा से मानसिक समस्या रही है और वह मदद स्वीकार करने के लिए तैयार है.