एस जयशंकर बोले, ‘SAARC में कई दिक़्क़तें हैं’- पांच बड़ी ख़बरें
<figure> <img alt="एस जयशंकर" src="https://c.files.bbci.co.uk/9C02/production/_107283993_054463469.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>विदेश मंत्री पद संभालने के बाद डॉ. एस जयशंकर का पहला बयान आया है.</p><p>एस जयशंकर ने कहा, ”सार्क में कई दिक़्क़तें हैं और ये सभी को पता भी हैं. सार्क में कनेक्टिविटी की गड़बड़ है. जबकि BIMSTEC में ऊर्जा और संभावनाएं हैं.”</p><p>उन्होंने कहा, ”आतंकवाद से इतर […]
<figure> <img alt="एस जयशंकर" src="https://c.files.bbci.co.uk/9C02/production/_107283993_054463469.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>विदेश मंत्री पद संभालने के बाद डॉ. एस जयशंकर का पहला बयान आया है.</p><p>एस जयशंकर ने कहा, ”सार्क में कई दिक़्क़तें हैं और ये सभी को पता भी हैं. सार्क में कनेक्टिविटी की गड़बड़ है. जबकि BIMSTEC में ऊर्जा और संभावनाएं हैं.”</p><p>उन्होंने कहा, ”आतंकवाद से इतर भी अगर बात करें तो एक-दूसरे से जुड़ा न रहने सार्क देशों को दूर कर रहा है.” </p><p>माना जा रहा है कि विदेश मंत्री का निशाना पाकिस्तान की तरफ़ था. जानकारों के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क की बजाय <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48430671?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बिम्सटेक देशों</a> को बुलाना भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति का हिस्सा था. </p><p>पड़ोसी देशों से रिश्तों पर जयशंकर ने कहा, ”ये भारत की ज़िम्मेदारी है कि वो पड़ोसी देशों की भी मदद करे. दक्षिण एशियाई देशों में भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.”</p><p>सीआईआई के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ”आज विदेशों में बैठे भारतीयों को सरकार से मदद की उम्मीदें होती हैं. इसने विदेश मंत्रालय की छवि को काफ़ी बदला है.”</p><p>एस जयशंकर ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्विटर पर मदद करने की परंपरा को आगे बढ़ाने की बात कही. </p><figure> <img alt="ममता बनर्जी और मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/4DE2/production/_107283991_053427279.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><h1>ममता के प्रचार अभियान की कमान पीके के पास</h1><p>लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मिली कड़ी टक्कर के बाद ममता बनर्जी ने अपने चुनावी प्रचार का ज़िम्मा प्रशांत किशोर को दे दिया है.</p><p>ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के बीच 2021 चुनावों को लेकर डील हुई है. यानी अब प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीतियां बनाएंगे. </p><p>हाल ही में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी को सत्ता तक पहुंचाने में ख़ास भूमिका निभाई थी. प्रशांत किशोर 2014 में नरेंद्र मोदी और 2015 में बिहार में महागठबंधन के लिए भी काम कर चुके हैं. </p><p>हालांकि 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी लेकिन पार्टी बुरी तरह चुनावों में नाकाम रही थी. प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष पद पर भी हैं. </p><p>बीते कुछ वक़्त में ममता बनर्जी और सत्ता में बैठी बीजेपी के बीच टकराव बढ़े हैं. ऐसे में ममता और प्रशांत का साथ आना बीजेपी से निपटने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48430671?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बिम्सटेक क्या है जिसके नेताओं को मोदी ने बुलाया?</a></li> </ul><figure> <img alt="अज़ीम प्रेमजी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1827A/production/_107283989_054470174.jpg" height="549" width="549" /> <footer>AFP</footer> </figure><p><strong>अज़ीम</strong><strong> प्रेमजी ने बेटे को सौंपी विरासत</strong></p><p>विप्रो कंपनी के प्रमुख अज़ीम प्रेमजी 30 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं. </p><p>रिटायरमेंट के बाद विप्रो कंपनी में एग्ज़ीक्यूटिव चेयरमैन का पद अज़ीम प्रेमजी के बेटे रिशद प्रेमजी संभालेंगे. हालांकि अज़ीम प्रेमजी फाउंडर चेयरमैन और नॉन-एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर पद पर बने रहेंगे.</p><p>गुरुवार शाम विप्रो कंपनी से जारी बयान में ये बातें कही गईं. </p><p>विप्रो कंपनी के मौजूदा सीईओ आबिदाली जेड नीमचवाला को सीईओ के साथ-साथ मैनेजिंग डायरेक्टर का पद भी संभालेंगे. </p><p>अज़ीम प्रेमजी बीते 53 सालों से विप्रो कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india/2010/12/101202_premji_donation_vv?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रेमजी ने दिया 9000 करोड़ रूपए का दान</a></li> </ul><figure> <img alt="राहुल गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1345A/production/_107283987_054194711.jpg" height="549" width="549" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>जीत के 16 दिन बाद वायनाड दौरे पर राहुल गांधी</h1><p>लोकसभा चुनावों में अमेठी सीट से हारने और वायनाड सीट से जीतने वाले राहुल गांधी शुक्रवार को अपने नए संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे.</p><p>ये दौरा 23 मई को राहुल गांधी की वायनाड सीट से हुई जीत के क़रीब 16 दिन बाद हो रहा है. राहुल इस सीट से क़रीब चार लाख वोटों से जीते थे. </p><p>राहुल तीन दिनों तक वायनाड में रहेंगे. बताया जा रहा है कि राहुल इस दौरान तीन रोड शो करेंगे. राहुल गांधी पार्टी के नेताओं से भी मिलेंगे.</p><p>लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं. </p><p>लेकिन सोनिया गांधी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद और राहुल गांधी की इस बैठक में दी प्रतिक्रियाओं से ये साफ़ हुआ कि राहुल अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे.</p><p>राहुल गांधी ने कहा था, ”हमारे पास 52 सांसद हैं और हम हर रोज़ बीजेपी से लड़ेंगे. हर कार्यकर्ता और नेता ये बात याद रखें कि हम संविधान और देश बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.”</p><figure> <img alt="नील्स होग्ल" src="https://c.files.bbci.co.uk/E63A/production/_107283985_050750228.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>85 मरीज़ों की हत्या करने वाला पूर्व नर्स दोषी करार</h1><p>जर्मनी की एक अदालत ने 85 मरीज़ों की हत्या करने वाले एक पूर्व नर्स को दोषी करार दिया है. </p><p>वकीलों के मुताबिक़, नील्स होग्ल पीड़ितों को ग़लत दवा का इंजेक्शन लगा देते थे, जिसके बाद वो अपने सहकर्मियों को दिखाने के लिए इलाज कर मरीज़ों को ठीक किया करते थे. </p><p>मुकदमे के आख़िरी दिन होग्ल ने पीड़ितों के परिवार वालों से माफी मांगी. उन्हें उम्र कैद की दूसरी सज़ा सुनाई गई है. </p><p>इससे पहले भी हत्या के एक मामले में उन्हें दोषी पाया गया था. </p><p>बर्लिन में मौजूद एक बीबीसी संवाददाता ने बताया कि इस मामले से जर्मनी के लोग हैरान हैं. अदालत के बाहर नील्स होग्ल की वकील ने कहा कि कोर्ट का ये फैसला संभावित था. </p><p>उन्होंने कहा, ”पीड़ित पक्ष ने कड़ी सज़ा की मांग की थी, इसलिए कोर्ट के फैसले से कोई हैरानी नहीं हुई है और इस फैसले से हम पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हमें चीज़ें शांत होने का इंतज़ार करना होगा.”</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. 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