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क्षुद्र ग्रहों से आया फास्फोरस

वैज्ञानिकों को भले यह बात मुकम्मल तौर पर मालूम न हो, कि पृथ्वी के बाहर कहीं जीवन का कोई चिह्न् है या नहीं, लेकिन वैज्ञानिकों के एक दल का दावा है कि उन्होंने पृथ्वी पर जीवन उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले फॉस्फोरस के उद्भव के बारे में पता लगा लिया है. अमेरिका की यूनिवर्सिटी […]

वैज्ञानिकों को भले यह बात मुकम्मल तौर पर मालूम न हो, कि पृथ्वी के बाहर कहीं जीवन का कोई चिह्न् है या नहीं, लेकिन वैज्ञानिकों के एक दल का दावा है कि उन्होंने पृथ्वी पर जीवन उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले फॉस्फोरस के उद्भव के बारे में पता लगा लिया है.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों के दल के नेतृत्व में किये गये एक शोध में कहा गया है कि पृथ्वी पर शुरुआती जीवन के उद्भव में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले प्रतिक्रियाशील फॉस्फोरस क्षुद्र ग्रहों द्वारा पृथ्वी पर लाये गये.

वैज्ञानिकों ने अपने इस शोध में पाया कि पृथ्वी के भूगार्भिक इतिहास के शुरुआती हेडियन और आर्कियन युगों के दौरान पृथ्वी पर क्षुद्र ग्रहों की भारी बारिश होती थी. इस बारिश से ही पृथ्वी पर क्रियाशील फॉस्फोरस की प्राप्ति हुई. ये क्रियाशील फॉस्फोरस पानी में मिलकर पूर्व जैविक (प्री-बायोटिक) अणुओं में सम्मिलित हो गये.

वैज्ञानिकों ने अपने दावे के प्रमाण के तौर पर शुरुआती आर्कियन (करीब साढ़े तीन अरब वर्ष पहले के) चूना पत्थरों में फॉस्फोरस की उपस्थिति को दिखाया है. वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि क्षुद्र ग्रहों के कारण ही खनिजों को पृथ्वी के सतह पर नहीं पाये जानेवाले फॉस्फोरस की प्राप्ति हुई.

इन खनिजों ने ही पानी में घुलकर फॉस्फोरस के ऐसे रूपों का निर्माण किया, जो केवल शुरुआती पृथ्वी पर ही दिखायी देता है. वैज्ञानिकों ने इस शोध के सहारे यह जवाब भी देने की कोशिश की है कि आखिर क्या वजह है कि आज पृथ्वी पर नये जीवन का निर्माण नहीं हो रहा.

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