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धोती के लिए नियम बदलेंगे: श्रीनिवासन

इमरान क़ुरैशी बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा है कि तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के क्लब में धोती पहनकर प्रवेश किया जा सकेगा. उनके मुताबिक़ इसके लिए एसोसिएशन के नियमों में बदलाव किए जाएंगे. श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने विधानसभा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2014 9:20 AM

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा है कि तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के क्लब में धोती पहनकर प्रवेश किया जा सकेगा. उनके मुताबिक़ इसके लिए एसोसिएशन के नियमों में बदलाव किए जाएंगे.

श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.

राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने विधानसभा में कहा था कि जल्द ही निजी क्लबों में धोती पहनने की मंज़ूरी देने के लिए क़ानून पारित किया जाएगा.

चेन्नई में एन श्रीनिवासन ने कहा, ”हम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की बात मानने के लिए तैयार हैं. इसमें हमें कोई परेशानी नहीं है. हम सरकार के मुताबिक़ नियम बदलने के लिए तैयार हैं.’’ मीडिया के सवालों के जवाब में श्रीनिवासन ने यह बात कही.

मुख्यमंत्री जे जयललिता ने तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन जैसे उन निजी क्लबों के लाइसेंस छीनने की धमकी दी थी जो सदस्यों के धोती पहनकर प्रवेश की इजाज़त नहीं देते.

पिछले हफ़्ते मद्रास हाईकोर्ट के एक जज को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) के क्लब में धोती पहनने की वजह से प्रवेश न देने पर विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है.

जयललिता ने कहा कि आज़ादी के 67 साल बाद भी ऐसा होना शर्मनाक घटना है.

मंगलवार को डीएमके, सीपीएम और अन्य पार्टियों के नेताओं ने सदन में इस घटना की आलोचना की थी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने इस घटना को तमिल संस्कृति के ख़िलाफ़ बताया था.

राजनीतिक रंग

करुणानिधि के बयान के बाद मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया था.

जस्टिस डी हरिपारनथन टीएनसीए के क्लब में एक पूर्व कार्यवाहक चीफ़ जस्टिस की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे थे. जज और दो वकीलों को धोती पहनने के कारण क्लब में नहीं घुसने दिया गया था.

मीडिया रिपोर्टों में जस्टिस हरिपारनथन के हवाले से कहा गया था, "मैं एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए क्लब पहुंचा था. मेरे तर्क देने के बावजूद मुझे प्रवेश नहीं दिया गया."

इसी बीच मद्रास हाईकोर्ट ने इस संबंध में क्लबों को दिशानिर्देश जारी करने के लिए दायर जनहित याचिका नामंज़ूर कर दी है. अदालत का कहना है कि टीएनसीए एक निजी संस्थान है.

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