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ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर धमाका, मध्य-पूर्व में भारी तनाव

<p>ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर विस्फोटकों से हमले के बाद इसके दर्जनों कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है. </p><p>ईरान का कहना है कि उसने कोकुका करेजियस टैंकर के बोर्ड से 21 लोगों को और 23 लोगों को फ़्रंट अल्टायर से सुरक्षित बचाया है. वहीं, अमरीका ने कहा है कि उसकी नौसेना ने […]

<p>ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर विस्फोटकों से हमले के बाद इसके दर्जनों कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है. </p><p>ईरान का कहना है कि उसने कोकुका करेजियस टैंकर के बोर्ड से 21 लोगों को और 23 लोगों को फ़्रंट अल्टायर से सुरक्षित बचाया है. वहीं, अमरीका ने कहा है कि उसकी नौसेना ने कुछ लोगों को बचाया है.</p><p>यह दुनिया का सबसे व्यस्त तेल रूट है लेकिन दोनों टैंकरों पर धमाके की वजह अब भी साफ़ नहीं है. </p><p>संयुक्त अरब अमीरात के चार तेल टैंकरों पर हमले के एक महीने बाद फिर से इस तरह का हमला हुआ है. </p><p>ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की घटना के बाद तेल के दाम 4.5 फ़ीसदी तक बढ़ सकते हैं.</p><h1>विस्फोट के बारे में अब तक क्या पता है?</h1><p>विस्फोट के कारणों का अभी पता नहीं है. नॉर्वे मैरी टाइम अथॉरिटी का कहना है कि फ्रंट अल्टायर उसका टैंकर था और उस पर हमला किया गया है. </p><p>फ़्रंट अल्टायर को ताइवान की सरकारी तेल रिफ़ाइनरी कंपनी सीपीसी कॉर्पोरेशन ने किराए पर लिया हुआ है. सीपीसी कॉर्पोरेशन के प्रवक्ता वू आई-फ़ांग ने कहा है कि इसमें 75 हज़ार टन तेल था और ‘ऐसी आशंका है कि टॉरपीडो (सबमरीन की मिसाइल) से हमला किया गया है.’ हालांकि, इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है. </p><p>वहीं, दूसरी अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि यह एक ‘माइन अटैक’ भी हो सकता है.</p><p>जहाज़ के मालिक फ़्रंटलाइन का कहना है कि मार्शल द्वीप के झंडे लगे जहाज़ों पर आग लगी. ईरानी मीडिया ने इसके डूबने की बात कही थी जिसे कंपनी ने ख़ारिज कर दिया है.</p><p>कोकुका करेजियस का संचालन करने वाली बीएसएम शिप मैनेजमेंट कंपनी का कहना है कि क्रू ने जहाज़ छोड़ दिया था और उसे पास से जा रहे जहाज़ ने बचाया.</p><p>एक प्रवक्ता ने कहा है कि टैंकर में मेथानॉल था और उस पर डूबने का ख़तरा नहीं है. </p><figure> <img alt="जहाज़" src="https://c.files.bbci.co.uk/0236/production/_107366500_c8472d57-8dc4-4206-adb6-5bc19ab32a8a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>इस घटना के बाद तेल के दाम बढ़ सकते हैं</figcaption> </figure><h1>घटना से कई सवाल खड़े होते हैं</h1><p>यह हमला स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ के पास हुआ है जो फ़ारस की खाड़ी का संकरा गलियारा है. यह ईरान और ओमान का जल क्षेत्र है जो 33 किलोमीटर चौड़ा है. </p><p>इसकी धारा ओमान की खाड़ी की ओर है, जहां से पूरी दुनिया के टैंकर और पोत निकलते हैं. स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ को अंतरराष्ट्रीय ट्रांज़िट रूट के तौर पर देखा जाता है. </p><p>बीबीसी के सुरक्षा संवाददाता फ्ऱेंक गार्डनर कहते हैं, &quot;स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ जैसे संकरे समुद्री मार्ग से जाते हुए टैंकर जहाज़ों के साथ एक महीने में यह दूसरी गंभीर घटना है. संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह के नज़दीक मई में चार टैंकरों पर हमला हुआ था.&quot; </p><p>&quot;संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूएई, सऊदी अरब और नॉर्वे ने पिछले हफ़्ते संयुक्त रूप से एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने बताया कि गोताखोरों के द्वारा यह विस्फोट किया गया लेकिन उन्होंने इसके लिए किसी देश को दोषी नहीं ठहराया था.&quot;</p><p>&quot;उस घटना में मामूली नुक़सान हुआ था. उस समय कोई आग नहीं लगी थी और न ही किसी को बचाया गया था लेकिन यह बहुत गंभीर मामला था. गुरुवार को ओमान की खाड़ी में नॉर्वे और जापान के शख़्स के मालिकाना हक़ वाले इन टैंकरों पर हमले से कई सवाल खड़े होते हैं. ईरान ने संदेह जताते हुए कहा है कि यह घटना तब हुई है जब जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो अबे ईरान पहुंच रहे हैं.&quot;</p><h1>जहाज़ बचाने के लिए कौन आया</h1><p>ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा है कि ईरान ने क्रू के सदस्यों को बचाया है और उनको जास्क के बंदरगाह पर ले जाया गया है. </p><p>बहरीन में मौजूद अमरीका की फ़िफ्थ फ़्लीट ने कहा है कि उसने मदद के लिए घटनास्थल पर यूएसएस बैनब्रिज को भेजा है.</p><p>प्रवक्ता जोश फ्रे ने एक बयान में कहा है, &quot;अमरीकी नौसेना के बलों को क्षेत्र में दो अलग-अलग चिंताजनक कॉल आई थीं.&quot;</p><p>सीएनएन ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा है कि कुछ लोगों को बैनब्रिज पर लाया गया और फिर उन्हें ओमान ले जाया गया है.</p><h1>यह क्यों गंभीर मामला है</h1><p>ओमान की खाड़ी स्ट्रेट ऑफ होरमुज़ के एक छोर पर स्थित है और यह घटना जहाज़ मार्ग को लेकर चिंता बढ़ा सकती है क्योंकि इस मार्ग से अरबों डॉलर का तेल आता-जाता है.</p><p>अमरीका ने इस क्षेत्र में मई महीने की शुरुआत में विमानवाहक पोत समूह और बी-52 लड़ाकू जहाज़ों को भेजा था. ऐसी अफ़वाहें थीं कि ईरान समर्थित जल क्षेत्र में अमरीकी सेनाओं पर हमला कर सकते हैं.</p><p>अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर कड़ा रुख़ अपनाते हुए उसे मध्य-पूर्व में एक अस्थिर शक्ति बताया था. ईरान ने दावों को ख़ारिज करते हुए अमरीका पर आक्रामक व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया था.</p><p>12 मई को तनाव उस समय और बढ़ गया जब यूएई में माइन अटैक हुआ. यूएई ने इसको लेकर एक अज्ञात देश को ज़िम्मेदार बताया. हालांकि, अमरीका ने कहा कि इसके लिए ईरान ज़िम्मेदार है लेकिन उसने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया.</p><p>गुरुवार की घटना के बाद यूरोपियन यूनियन ने ‘बेहद कड़ा रुख़’ अपनाने की मांग की है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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