वाशिंगटन : अमेरिका ने ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर हमलों के लिए ईरान को दोषी ठहराया है. इस घटना के बाद अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव और बढ़ गया है. अमेरिका ने पिछले महीने इस रणनीतिक समुद्री इलाके में ऐसे ही हमलों को लेकर इस्लामिक गणराज्य की तरफ उंगली उठायी थी.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में बृहस्पतिवार को कहा, ‘यह अमेरिका सरकार का आकलन है कि ओमान की खाड़ी में हुए हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार है.’ उन्होंने कहा कि उनका आकलन खुफिया जानकारी, इस्तेमाल किये गये हथियारों, अभियान को अंजाम देने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता के स्तर, पोत पर ईरान के इसी प्रकार के हालिया हमलों और इस तथ्य पर आधारित है. कहा कि इलाके में काम कर रहे किसी अन्य छद्म समूह के पास इस स्तर का हमला करने के लिए संसाधन और दक्षता नहीं है.
पोम्पिओ ने कहा कि ईरान को कूटनीति का जवाब आतंकवाद, रक्तपात, बल प्रयोग से नहीं, बल्कि कूटनीति से देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने बलों एवं हितों की रक्षा करेगा और वैश्विक वाणिज्य एवं क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा. पोम्पिओ ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत जोनाथन कोहेन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में ईरान के हमलों का मामला उठाने का निर्देश दिया है.
बाद में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘मैं (जापान के प्रधानमंत्री शिंजो) आबे के ईरान जाकर अयातुल्ला अली खामेनी से मिलने की सराहना करता हूं, लेकिन मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि कोई समझौता करने के बारे में सोचना जल्दबाजी होगा. वे तैयार नहीं हैं और न ही हम तैयार हैं.’
इसके बाद अमेरिका के अनुरोध पर इन संदिग्ध हमलों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई. कोहेन ने कहा, ‘ये हमले स्पष्ट रूप से बताते हैं कि ईरान अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे बीच इसे लेकर और बातचीत होगी.’