राजनीति में शिष्टाचार
इसमें शक़ नहीं कि आज की राजनीति बहुत प्रतिस्पर्धात्मक हो चली है जहां मूल्यों का महत्व हाशिए पर चला गया है. लेकिन कभी-कभी ये देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि जब राजनीतिक विरोधियों को एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है, दुश्मन के तौर पर नहीं. विवेचना में इस हफ़्ते रेहान फ़ज़ल नज़र डाल […]
इसमें शक़ नहीं कि आज की राजनीति बहुत प्रतिस्पर्धात्मक हो चली है जहां मूल्यों का महत्व हाशिए पर चला गया है.
लेकिन कभी-कभी ये देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि जब राजनीतिक विरोधियों को एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है, दुश्मन के तौर पर नहीं.
विवेचना में इस हफ़्ते रेहान फ़ज़ल नज़र डाल रहे हैं राजनीतिक शिष्टाचार के कुछ बेहतरीन उदाहरणों पर.