जब भीड़ ने महिला अफ़सर पर किया लाठियों से हमला

<p>तेलंगाना से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला फॉरेस्ट रेंज अफ़सर ट्रैक्टर पर खड़ी हैं और कुछ ग़ुस्साए राजनीतिक कार्यकर्ता उन पर लाठियां बरसा रहे हैं. </p><p>इस भीड़ में शामिल लोग रविवार को वन विभाग के पौधे लगाने की मुहिम का विरोध कर रहे थे. इन लोगों का नेतृत्व सत्ताधारी पार्टी टीआरएस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2019 11:03 PM

<p>तेलंगाना से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला फॉरेस्ट रेंज अफ़सर ट्रैक्टर पर खड़ी हैं और कुछ ग़ुस्साए राजनीतिक कार्यकर्ता उन पर लाठियां बरसा रहे हैं. </p><p>इस भीड़ में शामिल लोग रविवार को वन विभाग के पौधे लगाने की मुहिम का विरोध कर रहे थे. इन लोगों का नेतृत्व सत्ताधारी पार्टी टीआरएस के एक विधायक के भाई कोनेरू कृष्णा कर रहे थे. </p><p>इस मामले में कोनेरू कृष्णा समेत 16 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. कोनेरू कृष्णा को इस घटना के बाद ज़िला परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा. </p><p>घायल महिला अफ़सर को इस हमले में गंभीर चोटें आईं और फ़िलहाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. </p><h1>क्यों किया हमला?</h1><p>ये घटना काग़ज़नगर क़स्बे में हुई जहां राज्य का वन विभाग पौधे लगाने की मुहिम चला रहा था. यह मुहिम कालेश्वरम प्रोजेक्ट यानी एक सिंचाईं योजना का हिस्सा है जिसे पिछले हफ़्ते ही शुरू किया गया है. </p><p>ऐसा कहा जा रहा है कि स्थानीय निवासी उस ज़मीन पर सरकार की योजना नहीं चाहते थे. </p><p>जब विभाग की अधिकारी पुलिस और वन सुरक्षाकर्मियों के साथ वहां पहुंची तो उन पर हमला हुआ. </p><p>ये वीडियो वायरल हुआ तो टीआरएस के अध्यक्ष के टी रामा राव ने ट्विटर के ज़रिए इस घटना की और कोनेरू कृष्णा की निंदा की. </p><p><a href="https://twitter.com/KTRTRS/status/1145292990929199106">https://twitter.com/KTRTRS/status/1145292990929199106</a></p><p>हालांकि कोनेरू कृष्णा ने अपने बचाव में कहा है कि वन विभाग आदिवासी किसानों को परेशान कर रहा था और उनकी ज़मीन पर ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था. </p><p>बीबीसी तेलुगु ने इस बात की पुष्टि की है कि दो पुलिस अफ़सरों को भी सस्पेंड किया गया है जो घटनास्थल पर मौजूद थे और महिला अफ़सर को बचाने में नाकाम रहे. </p><p>राज्य में विपक्षी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की है. </p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48823211?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मॉब लिंचिंग के मामले में झारखंड यूं ही ‘बदनाम’ नहीं है!</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48435056?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तेलंगाना में भाजपा का उभार, टीआरएस चिंतित क्यों?</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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