दाऊद के सहयोगी जाबिर मोती के अमेरिका प्रत्यर्पण के विरोध में अनोखी दलील

लंदन: दाऊद इब्राहीम की डी कंपनी के ग्लोबल क्राइम नेटवर्क में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाला जाबिर मोती तनाव से इस कदर पीड़ित है कि अबतक कम से कम तीन बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका है. इस वजह से उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण करना उसके लिए दमनकारी होगा. सोमवार को यूनाइटेड किंगडम की एक कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2019 8:24 AM
लंदन: दाऊद इब्राहीम की डी कंपनी के ग्लोबल क्राइम नेटवर्क में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाला जाबिर मोती तनाव से इस कदर पीड़ित है कि अबतक कम से कम तीन बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका है. इस वजह से उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण करना उसके लिए दमनकारी होगा. सोमवार को यूनाइटेड किंगडम की एक कोर्ट को यह जानकारी दी गयी. पाकिस्तानी मूल के मोती (51) को गत वर्ष स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था.
अमेरिका की एफबीआई का उस पर धन शोधन, फिरौती और गैरकानूनी चीजों जैसे हेरोइन का आयात करने का आरोप है. अमेरिकी सरकार की तरफ से, न्यायाधीश जॉन जानी की कोर्ट में पेश हुये वकील जॉन हार्डी ने उसके डी कंपनी के साथ रिश्तों के बारे में न्यायालय को बताया. इस दौरान मोती खुद कोर्ट में मौजूद था. मोती के वकील एडवर्ड फिटजेराल्ड ने उसके पक्ष में दलील देते हुये कहा कि उसके द्वारा जो अपराध किया बताया गया है, वह कई साल पुराना है.
उन्होंने आगे कहा कि मोती की मानसिक हालत ठीक नहीं है और अगर उसे अमेरिका भेजा गया तो उसकी हालत खराब हो सकती है. वह 2008, 2011 और 2015 में आत्महत्या की कोशिश कर चुका है और वह 2008 से ही पाकिस्तान में मानसिक चिकित्सक की देखरेख में रहा है. दोनों पक्ष कोर्ट के सामने अपने अपने गवाह पेश करेंगे. यह ट्रायल तीन दिन यानी बुधवार तक चलेगा और यह चौथे दिन में भी प्रवेश कर सकता है.

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