पेरिस : सऊदी अरब के किंग सलमान की इकलौती बेटी के खिलाफ मंगलवार को पेरिस में मुकदमा शुरू किया गया. यह मुकदमा उनकी गैर-मौजूदगी में शुरू किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने पेरिस में सऊदी शाही खानदान के अपार्टमेंट में तस्वीरें और वीडियो लेने के संदेह में एक नलसाज (प्लंबर) की पिटाई के कथित आदेश अपने अंगरक्षक को दिये थे.
अभियोजकों ने आरोप लगाया कि शहजादी हेस्सा बिंत सलमान उस वक्त बहुत नाराज हो गईं जब उन्होंने प्लंबर को उनकी तस्वीर लेते देखा. शहजादी को डर था कि कहीं उनकी तस्वीर का इस्तेमाल सऊदी किंग की बेटी होने के नाते उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जाए. सऊदी अरब की रूढ़िवादी परंपराओं के कारण शहजादी को ऐसी आशंका हुई थी.
सितंबर 2016 में हुई इस घटना के कुछ ही दिनों बाद शहजादी फ्रांस छोड़कर चली गई और एक दिन के इस मुकदमे में वह मौजूद नहीं थीं. उनकी गिरफ्तारी का वॉरंट दिसंबर 2017 में जारी किया गया था. शहजादी के वकील ने बताया कि वह मौजूद इसलिए नहीं थीं क्योंकि उन्हें पत्र पेरिस के पते पर भेजा गया था, न कि सऊदी अरब के शाही महल के पते पर.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की बड़ी सौतेली बहन शहजादी बिंत सलमान ने अपने वकील के जरिये सभी आरोपों से इनकार किया है. शहजादी बिंत सलमान पर हिंसा में शामिल होने, सामान जब्त कर लेने और प्लंबर का टेलीफोन चोरी कर लेने के आरोप हैं. उनकी अंगरक्षक रानी सईदा पर भी यही आरोप हैं. अभियोजक ने अदालत ने मांग की कि शहजादी को छह महीने की निलंबित सजा सुनाई जाए और 5,000 यूरो का जुर्माना लगाया जाए. उन्होंने अंगरक्षक के लिए आठ महीने की निलंबित सजा की मांग की और 5,000 यूरो का जुर्माना लगाने की मांग की.