वाइस चीफ एयर मार्शल ने भरी राफेल में उड़ान,कहा- गेम चेंजर साबित होगी राफेल और सुखोई की जोड़ी

पेरिस:भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने गुरुवार को फ्रांस में लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी. यह लड़ाकू विमान जल्द ही भारत आने वाला है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छा अनुभव था. यहां हमने इससे जुड़े कई चीजें सीखे हैं कि कैसे हम राफेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2019 9:16 AM

पेरिस:भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने गुरुवार को फ्रांस में लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी. यह लड़ाकू विमान जल्द ही भारत आने वाला है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छा अनुभव था. यहां हमने इससे जुड़े कई चीजें सीखे हैं कि कैसे हम राफेल का भारतीय वायु सेना में बेहतर उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि एसयू-30 (सुखोई)के साथ इसका संयोजन किस तरह किया जा सकता है.

भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायु सेना में टेक्नालॉजी और हथियार के रुप में राफेल एक बार फिर गेम चेंजर साबित होगा. आने वाले सालों में यह आक्रामक मिशनों और युद्ध जैसी स्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस और भारत की एयरफोर्स के बीच चल रहे गरुड़ युद्धाभ्यास के दौरान गुरुवार को भदौरिया ने कहा कि कोई भी देशअब भारत के खिलाफ हिमाकत करने की सोचेगा भी नहीं क्योंकि ऐसा करने पर उसे दो बेहद खतरनाक लड़ाकू विमानों का सामना करना पड़ेगा और इनके हमले से होने वाला नुकसान बहुत ज्यादा होगा.

बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ने कहा था कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान दो महीनों के अंदर सौंप दिया जाएगा और यह बिल्कुल समय पर मिलेगा. जीगलर ने बताया था कि भारतीय वायुसेना को सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान अगले दो साल में सौंप दिए जाएंगे. राफेल दुनिया के सबसे आधुनिक और सक्षम मल्टीरोल लड़ाकू विमानों में से एक है जो फ्रांस की ओर से कई मौकों पर अपना दम दिखा चुका है.
बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 2016 में 36 राफेल विमान खरीद का करार हुआ था. अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदेगा. हालांकि इससे पहले कांग्रेस शासन ने भी फ्रांस से राफेल विमान को लेकर एक डील थी, लेकिन उस डील को रद्द करके यह नई डील की गयी है. हालांकि कांग्रेस इस डील को महंगा बताते हुए भाजपा पर लगातार हमले करती रही है.
कांग्रेस ने कई मौकों पर इस डील को यूपीए सरकार के समय हुई डील से दोगुना महंगा बताते हुए इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है. लोकसभा चुनाव के दौरान और इससे पहले राफेल सौदा चर्चाओं में था. राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों के दौरान राफेल को बड़ा मुद्दा बनाया था और इसी के आधार पर पीएम मोदी पर खूब हमले किए थे.

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