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20 सितंबर को होगी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा, अभ्यर्थी ऐसे करें तैयारी

नयी दिल्ली: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. सफल अभ्यर्थियों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने की पहली सीढ़ी पार कर ली है. अभ्यर्थियों को 20 सितबंर 2019 को मुख्य परीक्षा में शामिल होना है. मुख्य परीक्षा के लिए अलग से आवेदन प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के […]

नयी दिल्ली: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. सफल अभ्यर्थियों ने भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने की पहली सीढ़ी पार कर ली है. अभ्यर्थियों को 20 सितबंर 2019 को मुख्य परीक्षा में शामिल होना है.

मुख्य परीक्षा के लिए अलग से आवेदन
प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद सरकार ने अपने बयान में कहा है कि नियमों के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए एक आवेदन फॉर्म भरना होगा जिसमें अभ्यर्थी को विस्तार से जानकारियां देनी होंगी. मुख्य परीक्षा से संबंधित आवेदन 1 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक आयोग की आधिकारिक बेवसाइट पर उपलब्ध होगा. आदेश में ये भी कहा गया है कि आयोग की आधिकारिक बेवसाइट पर मुख्य परीक्षा का कार्यक्रम और ई-प्रवेश पत्र परीक्षा के आयोजन से 3 से 4 हफ्ते पहले जारी कर दिया जायेगा.
मुख्य परीक्षा की ऐसे करें तैयारी
20 सितबंर 2019 को सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जायेगा. इसका मतलब है कि प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों के पास मुख्य परीक्षा के लिए महज दो महीने का समय बचा है. ये सही है कि अभ्यर्थियों ने पिछले एक साल में मुख्य परीक्षा की भी तैयारी जारी रखी होगी लेकिन मुख्य परीक्षा को नजदीक देख प्रारंभिक परीक्षा सफलतापूर्वक पार करने वाले अभ्यर्थियों के मन में कई तरह की उलझन होगी. सबसे पहली उलझन होगी कि पुरानी चीजों का ही रिवीजन करें या कुछ नया भी पढ़ लेना चाहिए.
इस समय सबसे अच्छा उपाय यही है कि परीक्षार्थियों ने पिछले एक साल में जो पढ़ा है उसका ही रिवीजन करें. ज्यादा नया पढ़ने की कोशिश ना करें क्योंकि इससे उलझन की स्थिति होगी. जिन विषयों को लेकर ज्यादा संशय हो उन्हें ज्यादा समय दें. टाइम टेबल बना लें और कमजोर कड़ी पर ज्यादा ध्यान दें.
मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक होगी इसलिए लगातार लिखने का अभ्यास करें. समसामयिक विषयों पर खुद से शीर्षक का चयन कर निबंध लिखने का अभ्यास करें. लिखने के बाद इसे किसी वरिष्ठ व्यक्ति को दिखायें जो इस बारे में गहरी समझ रखता हो. लिखते हुए भावनात्मक भूमिका बांधने की बजाय ‘टू द पॉइंट’ लिखने का प्रयास करें क्योंकि पेपर के दौरान समय सीमा और शब्द सीमा दोनों ही सीमित होगी. सामान्य अध्ययन के विषयों का भी उत्तर लिखकर अभ्यास करें.शांत बने रहें. परीक्षा में काफी कम समय बचा है इसलिये परीक्षार्थी अपने खान-पान और सेहत का खास खयाल रखें.
क्या होगा मुख्य परीक्षा का पैटर्न
जिन अभ्यर्थियों ने भी प्रारंभिक परीक्षा को सफलतापूर्वक पार किया है उनके लिये परीक्षा से पहले मुख्य परीक्षा के पैटर्न और तैयारी संबंधित स्पष्ट जानकारी का होना जरुरी है. इस बार मुख्य परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. मुख्य परीक्षा मौजूदा पाठ्य-सूची के अनुसार कुल नौ प्रश्न पत्रों के साथ जारी रहेगी.
भाषा: अभ्यर्थी को संविधान की आठवीं सूची में शामिल भारतीय भाषाओं में से एक का चयन करना होगा जिसके माध्यम से वो परीक्षा देना चाहता है इसके अलावा अंग्रेजी भाषा का एक पेपर होगा. प्रत्येक 300 अंक का होगा. ये दोनो क्वालीफाइंग है और इसके अंक मुख्य परीक्षा में किसी भी तरीके से शामिल नहीं किए जाते.
वैकल्पिक विषय: मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थी को उस विषय पर दो पेपर (पेपर 1 और पेपर 2) की परीक्षा देनी होगी जिसका चयन उसने वैकल्पिक विषय के तौर पर किया है. दोनों पेपर 500-500 अंक का होगा.
सामान्य अध्ययन: परीक्षार्थी को सामान्य अध्ययन के 04 पेपर की परीक्षा देनी होगी. प्रत्येक पेपर 250 अंको का होगा. सामान्य अध्ययन का पेपर स्नातक के पाठ्यक्रम के स्तर का होगा, जिसमें सामान्य इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, विश्व इतिहास, पर्यावरण, आदि विषय शामिल होंगे. सारे पेपर वर्णनात्मक होंगे. यहां अभ्यर्थियों को दी गई शब्द सीमा के भीतर उत्तर लिखना होगा. इसके माध्यम से अभ्यर्थी की सामान्य जानकारी से इतर किसी विषय पर उसकी गंभीर समझ की परख की जायेगी.
निबंध और साक्षात्कार: निबंध के लिये अभ्यर्थी को समसामयिक विषय से जुड़े कुछ विकल्प दिये जाएंगे जिसपर अभ्यर्थी को विश्लेषणात्मक तरीके से लिखना होगा. इसमें अभ्यर्थियों को दो विकल्पों का चयन करके 1000-1200 शब्द में निबंध लिखना होगा. प्रत्येक 125 अंक का होगा. यानी निंबध सेक्शन 250 अंक का होगा.
निबंध का सेक्शन काफी अहम माना जाता है इसलिए जरूरी है कि अभ्यर्थी पिछले कुछ समय से चल रहे तमाम सामाजिक, आर्थिक, कानूनी, संसदीय राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय मामलों पर करीब से नजर रखे और विषयों का चयन कर निबंध लिखने का अभ्यास करे.
इन सबके अलावा विद्यार्थियों को साक्षात्कार की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा. साक्षात्कार 250 अंकों का होगा जिसमें अभ्यर्थी का आत्मविश्वास, एप्टीट्यूड, पेशे से संबंधित सामान्य समझ और परिस्थितियों को हैंडल करने की क्षमता को परखा जायेगा.
सी-सैट खत्म करने का प्रस्ताव
आने वाले वर्षों में सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में कुछ अहम बदलाव करने का सुझाव दिया गया है. आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि सिविल सेवा की परीक्षा में एप्टीट्यूड टेस्ट (सी-सैट) को समाप्त कर दिया जाये. काफी समय से हिन्दी पट्टी की शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र इसका विरोध करते रहे हैं. इनका तर्क रहा है कि ये पेपर केवल कॉन्वेंट पृष्ठभूमि वाले इंजीनियरिंग औऱ मेडिकल के छात्रों को फायदा पहुंचाता है.आयोग का मानना है कि सी-सैट का पेपर केवल समय की बर्बादी है. 2015 में भारी विरोध के बाद सी-सैट को केवल क्वालीफाइंग बना दिया गया था लेकिन हो सकता है कि इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाये.
पत्रकारिता भी बने वैकल्पिक विषय
सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी एक और जानकारी अहम है कि पत्रकारिता और जनसंचार के विद्यार्थियों ने मांग की है कि वैकल्पिक विषयों की सूची में इस विषय को भी सम्मिलित किया जाये. उनका कहना है कि इस विषय में स्नातक और पीजी करने के बावजूद उन्हें किसी औऱ वैकल्पिक विषय की तैयारी करनी पड़ती है.
मुख्य परीक्षा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए सिविल सेवा आयोग की आधिकारिक बेवसाइटhttps://upsc.gov.in/पर जाएं.

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