बीजिंग : चीन की प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला तियांगोंग-2 के 19 जुलाई को कक्षा छोड़ने और वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने की उम्मीद है. चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय ने शनिवार को इसकी घोषणा की. इस प्रायोगिक अंतरिक्ष प्रयोगशाला की देखरेख करने वाले चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय (सीएमएसईओ) ने बताया कि इस अंतरिक्षयान का अधिकांश हिस्सा वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जायेगा और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के सुरक्षित समुद्री इलाके में इसके मलबे की थोड़ी मात्रा गिरने की संभावना है.
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तियांगोंग-2, तियांगोंग-1 का उन्नत संस्करण है और वास्तविक अर्थों में यह चीन की पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला है. यह 15 सितंबर, 2016 को उन्नत जीवन रक्षक, ईंधन भरने और दोबारा आपूर्ति की क्षमताओं का पता लगाने के लिए शेंझोऊ-11 और चालक रहित तियानझोउ-1 कार्गो मिशन के माध्यम से शुरू किया गया था, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में एक बड़े मॉड्यूलर अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण की तैयारी में था.
चीन की योजना 2022 तक एक स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन शुरू करने की है. यह अंतरिक्ष प्रयोगशाला कक्षा में 1000 दिन से अधिक समय से काम कर रहा है, जो इसकी आयु दो साल से अधिक है. एक प्रयोग मॉड्यूल और एक संसाधन मॉड्यूल की तुलना में तियोंगोंग-2 की कुल लंबाई 10.4 मीटर और सबसे बड़ा व्यास 3.35 मीटर है और जब इसे अंतरिक्ष में भेजा गया था, उस वक्त इसका वजन 8.6 टन था.
सीएमएसईओ ने बताया कि इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला में सभी प्रयोग पूरे हो चुके हैं. अंतरिक्षयान और उस पर लगे सभी यंत्र बेहतर ढ़ंग से काम कर रहे हैं. इसने कहा है कि तियांगोंग-2 के वातावरण में नियंत्रित दोबारा प्रवेश की तैयारी नियोजित रूप से चल रही है.