इराक़ में पुरुष यौन उत्पीड़न के ज़्यादा शिकार होते हैं?
<figure> <img alt="यौन शोषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/8CB6/production/_107822063_sweetstall_grooming.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अरब जगत में हुए बीबीसी के एक सर्वे से इराक़ के बार में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इस सर्वे में महिलाओं से ज़्यादा पुरुषों ने शारीरिक यौन शोषण होने की बात कही. क्या सच में ऐसा है? </p><p><strong>समी 13 साल के हैं.</strong></p><p>वो अपने स्कूल […]
<figure> <img alt="यौन शोषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/8CB6/production/_107822063_sweetstall_grooming.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अरब जगत में हुए बीबीसी के एक सर्वे से इराक़ के बार में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. इस सर्वे में महिलाओं से ज़्यादा पुरुषों ने शारीरिक यौन शोषण होने की बात कही. क्या सच में ऐसा है? </p><p><strong>समी 13 साल के हैं.</strong></p><p>वो अपने स्कूल के शौचालय में थे, जहां 15 से 17 साल की बीच की उम्र के तीन बड़े लड़के उन्हें कोने में ले गए.</p><p>वो उनके शरीर को छूने और दबाने लगे. समी सदमे में थे. उनका जिस्म मानो जम गया था. हिम्मत जुटाकर वो चिल्लाए.</p><p>ये शोर जब दूसरे बच्चों तक पहुंचा तो उन्होंने हेड टीचर को बताया. उन लड़कों को स्कूल से निकाल दिया गया, लेकिन निकालने का कारण उनके मां-बाप को नहीं बताया गया.</p><p>समी (जो उनका असली नाम नहीं है) को भी हेड टीचर के दफ़्तर में बुलाया गया. यहां उन पर जैसे दूसरा हमला हुआ.</p><p>उन्हें बताया गया कि स्कूल इसे सहमति से हुई यौन घटना मान रहा है और वो खुशकिस्मत हैं कि उन्हें उनके हमलावरों की तरह स्कूल से नहीं निकाला जा रहा. समी को ‘एक और मौका’ दिया गया.</p><p>उन्होंने कहा, "सबको लग रहा था कि मैंने ये सब उनके साथ मिलकर किया."</p><p>इस हमले से हिल चुके समी ने अपने परिवार को भी इस बारे में नहीं बताया. उन्होंने कई महीनों तक किसी से बात नहीं की.</p><p>ये पहला मौका था जब समी के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था.</p><figure> <img alt="Short presentational grey line" src="https://c.files.bbci.co.uk/1497D/production/_105894348_short_grey_line_new-nc.png" height="50" width="1333" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>समी अब 15 साल के हैं.</strong></p><p>ये साल 2007 है और समी के पिता की एक साल पहले मौत हुई है.</p><p>अकेले कमाने वाले उनके पिता की मौत से पूरे परिवार को बड़ा धक्का लगा है. </p><p>इराक की बेबीलोन प्रांत में पले-बढ़े समी का बचपन बहुत आराम से बीता. लेकिन पिता की मौत से परिवार की ज़िम्मेदारी समी के कंधों पर आ गई है. उन्हें स्थानीय बाज़ार में एक नौकरी मिल गई है.</p><p>यहां उनके साथ फिर से वही हुआ.</p><figure> <img alt="अरब में पुरुषों का यौन शोषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/C320/production/_107825994_babylon_getty.jpg" height="650" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>दुकान के मालिक समी को कुछ ज़्यादा ही तवज्जो देते थे, लेकिन ये बात समी को असहज करती थी.</p><p>फिर एक दिन, जब वो अकेले थे, तो दुकान के मालिक ने उन्हें चूमने की कोशिश की. समी घबरा गए और पास रखे एक जग को दुकान के मालिक के सिर पर दे मारा.</p><p>समी को नहीं पता कि दुकान के मालिक ने स्थानीय समुदाय में क्या बोला, लेकिन उन्हें एक साल तक कोई और दूसरी नौकरी नहीं मिली.</p><figure> <img alt="Short presentational grey line" src="https://c.files.bbci.co.uk/1497D/production/_105894348_short_grey_line_new-nc.png" height="50" width="1333" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>समी अब 16 साल के हैं.</strong></p><p>उनकी मां और भाई-बहन कहीं बाहर गए हैं और उनके एक रिश्तेदार उनसे मिलने आ गए.</p><p>समी के पास बैठे उस रिश्तेदार ने उनका फ़ोन छीन लिया और उनके सामने पोर्नोग्राफिक तस्वीरें देखने लगे.</p><p>और फिर अचानक उन्होंने समी को पकड़ लिया, मारा और रेप किया.</p><p>ये हिंसक हमला समी के लिए बहुत दर्दनाक था. अगर वो उसके बारे में ज़्यादा सोचते हैं तो उन्हें बुरे सपने आने लगते हैं.</p><p>समी अब अपने बचपन के घर में और नहीं रह पा रहे थे.</p><p>वो कहते हैं कि उन्होंने अपने परिवार को घर और पड़ोस छोड़ने के लिए मना लिया. उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोस के दोस्तों से भी नाता तोड़ लिया.</p><p>परिवार बगदाद चला गया, जहां सबको काम भी मिल गया.</p><p>उस हमले का मानसिक घाव समी को परेशान करता रहा. वो रोमांटिक रिश्तों से शरमाते रहे.</p><p>फिर धीरे-धीरे उन्होंने शहर में नए दोस्तों के साथ दोस्ती की और विश्वास पैदा किया. उन्होंने फ़ैसला किया कि वो अब इस अनुभव का बोझ अकेले नहीं ढोएंगे.</p><p>फिर उन्होंने अपने दोस्तों के एक छोटे समूह से अपने अनुभव साझा किए. उनके दोस्तों की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी. समी ने महसूस किया कि ये अनुभव करने वाले वो अकेले नहीं थे.</p><p>उनके दोस्तों के समूह में कई और भी युवा थे, जिन्होंने बताया कि उनके साथ भी ऐसा ही यौन उत्पीड़न हुआ है.</p><figure> <img alt="Short presentational grey line" src="https://c.files.bbci.co.uk/1497D/production/_105894348_short_grey_line_new-nc.png" height="50" width="1333" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>सर्वे से क्या जानकारी मिली?</h3><p>बीबीसी न्यूज़ अरब ने 10 देशों और फलस्तीनी क्षेत्र में एक सर्वे किया और पाया कि इनमें से दो देशों- ट्यूनीशिया और इराक़ में महिलाओं से ज़्यादा पुरुषों ने अपने साथ मौखिक और शारीरिक उत्पीड़न होने की बात कही.</p><p>ट्यूनीशिया में ये अंतर कम था. वहां ये सिर्फ एक प्रतिशत था. लेकिन इराक़ में ये बहुत ज़्यादा था. यहां 39% पुरुषों ने कहा कि उन्होंने 33% महिलाओं की तुलना में मौखिक यौन उत्पीड़न झेला है.</p><p>और 20% इराकी पुरुषों ने कहा कि उन्होंने शारीरिक यौन उत्पीड़न झेला है. जबकि महिलाओं का प्रतिशत 17% था.</p><p>कई इराकी पुरुषों ने अपने साथ घरेलू हिंसा होने की बात भी कही.</p><p>ये चौंकाने वाले नतीजे हैं क्योंकि महिला अधिकारों के मामले में ये देश काफी बुरी स्थिति में है. इराकी पीनल कोड की धारा 41 कहती है कि पति का पत्नी को पीटना गैरक़ानूनी नहीं है.</p><p>लेकिन सर्वे करने वाले रिसर्च नेटवर्क, अरब बैरोमीटर से जुड़ी एक रिसर्च एसोसिएट डॉक्टर कैथरिन थॉमस कहती हैं कि हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि यौन उत्पीड़न के मामलों में महिलाएं कई बार चुप रहना सही समझती हैं.</p><p>उन्होंने कहा, "एक संवेदनशील मसले पर कुछ पूछना, जैसे उत्पीड़न के बारे में, हो सकता है वो उसके बारे में खुलकर ना बताएं."</p><p>उन्होंने कहा, "कई बार महिलाएं अपने साथ हुए उत्पीड़न के बारे में बताती नहीं. उन्हें हिचक होती है या उन्हें लगता है कि इसके बारे में बताएंगी तो उन्हें खामियाज़ा भुगतना होगा."</p><p>"पुरुषों के मुक़ाबले शायद महिलाएं अपने साथ हुए उत्पीड़न के मामले दर्ज नहीं करातीं."</p><p>ह्यूमन राइट वॉच के वरिष्ठ इराकी रिसर्चर बेल्किस विल इस बात पर सहमति जताती हैं.</p><p>वो कहती हैं, "महिलाएं अक्सर सामने आकर अपने साथ हुए घरेलू या यौन उत्पीड़न के बारे में बताती नहीं हैं. ये भी हो सकता है कि उन्होंने ये शब्द सुने ही ना हों."</p><p>इराक के अस्पतालों में सुरक्षाबल होते हैं, अगर कोई महिला बताती हैं कि उनका शोषण हुआ है तो डॉक्टरों को सुरक्षाबलों को बताना होता है.</p><p>उन्होंने कहा, "इसलिए महिलाएं अक्सर झूठ बोलती हैं और अपने अपराधी को बचाती हैं. ख़ासकर जब वो इंसान कोई परिचित हो. उन्हें लगता है कि वो बताएंगी तो आपराधिक जांच होगी, जिससे सज़ा होने का ख़तरा होगा."</p><figure> <img alt="अरब में पुरुषों का यौन शोषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/9C10/production/_107825993_baghdad-coffee-shop976.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>बगदाद जाने के बाद समी की ज़िंदगी बेहतर हुई</figcaption> </figure><h3>नहीं मिलता इंसाफ!</h3><p>ह्यूमन राइट वॉच भी इराक़ में गे पुरुषों और ट्रांस महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा के बारे में जानती है. हालांकि ये मामले भी अक्सर पुलिस में दर्ज नहीं कराए जाते.</p><p>इराक में समलैंगिक लोगों के लिए काम करने वाले एक स्वीडन आधारित एनजीओ, इराक्वीर के संस्थापक आमिर कहते हैं, "गे और ट्रांस पुरुष इराक में लगातार यौन उत्पीड़न के शिकार होते हैं. ये मामले पुलिस में दर्ज नहीं होते, क्योंकि सामाजिक संरचना पुरुषों को इन चीज़ों के बारे में बात करने की इजाज़त नहीं देती. वो इसलिए भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते कि लोगों को पता चल जाएगा कि वो गे हैं, जिसके बाद वो और हिंसा और भेदभाव के शिकार होंगे."</p><p>समी भी कहते हैं कि पुरुषों का बलात्कार भी क़ानून के ख़िलाफ़ है, लेकिन पुलिस और समाज में आम तौर पर पीड़ितों के लिए संवेदना नहीं होती.</p><p>वो कहते हैं, "अगर कोई पुरुष बलात्कार के मामले में शिकायत दर्ज कराता है तो पुलिसवाले ही आप पर हंसते हैं."</p><hr /><h3>बीबीसी पोल</h3> <ul> <li>मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका-अल्जीरिया, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, मोरक्को, सूडान, ट्यूनीशिया, यमन और फलस्तीनी क्षेत्र के 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों से सवाल पूछे गए.</li> <li>जितने देशों में, जितने लोगों के साथ इंटरव्यू किया गया और जितने सवाल पूछे गए, उसके हिसाब से ये क्षेत्र का सबसे बड़ा सर्वे है.</li> <li>ये सर्वे प्रिंसटन यूनिर्सिटी के एक रिसर्च नेटवर्क अरब बैरोमीटर ने किया था.</li> </ul><hr /><p>समी को याद है कि 13 साल की उम्र में जो कुछ उनके साथ हुआ था, उस वक्त उन्हें ही दोषी बना दिया गया.</p><p>वो कहते हैं, "अगर मैं अपने बलात्कार के बारे में शिकायत करने जाता तो पुलिस मुझे पीड़ित के तौर पर देखने के बजाए मुझे ही जेल में डाल देती क्योंकि वो मुझे भी घटना में एक हिस्सेदार मान लेती. इसे समलैंगिकता के आधार पर देखा जाता- जो कि गैरक़ानूनी है."</p><p>"क़ानून मेरे साथ है, लेकिन क़ानून लागू करने वाले नहीं."</p><p>इराक़ी पुलिस के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, "हमारे दरवाज़े सभी नागरिकों के लिए खुले हैं. पीड़ित के उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाने के बाद यौन उत्पीड़न करने वाले को गिरफ़्तार किया जाता है."</p><figure> <img alt="Short presentational grey line" src="https://c.files.bbci.co.uk/EB2E/production/_107860206_short_grey_line_new-nc.png" height="50" width="1333" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>समी अब 21 साल के हैं.</strong></p><p>ज़िंदगी अब बेहतर है. उन्हें बगदाद में रहकर अच्छा लग रहा है. वो एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं और उनके कई अच्छे दोस्त हैं जिन्हें उनकी पुरानी ज़िंदगी के बारे में पता है.</p><p>उन्हें उम्मीद है कि बीबीसी को अपनी कहानी बताने से वो दूसरे पुरुषों को प्रोत्साहित करेंगे, जिससे वो अपने अनुभव के बारे में बात कर सकेंगे.</p><p>लेकिन आपका बीता हुआ वक्त कोई बंद हो चुकी किताब नहीं होता. उन्हें अब भी लगता है कि वो किसी के साथ रिश्ते में नहीं आ सकते.</p><p>शायद एक दिन उन्हें पार्टनर मिल जाएगा, वो कहते हैं- वो बदले हैं तो इराक का समाज भी बदला है. वो कहते हैं कि जब वो 35 के हो जाएंगे तो इस बारे में फिर सोचेंगे.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>