सोशल साइटों पर लाल सलाम की गूंज
नयी दिल्ली: अब रेड कॉरीडोर की हदें टूटने लगी हैं. नक्सलवाद की पैठ सिर्फ छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडि़शा के घने जंगलों में ही नहीं रह गयी है. यह संगठन सोशल साइटों के जरिये अब आपके घरों में घुसने की फिराक में है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के काफिले पर हुए नक्सली हमले के बाद […]
नयी दिल्ली: अब रेड कॉरीडोर की हदें टूटने लगी हैं. नक्सलवाद की पैठ सिर्फ छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडि़शा के घने जंगलों में ही नहीं रह गयी है.
यह संगठन सोशल साइटों के जरिये अब आपके घरों में घुसने की फिराक में है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के काफिले पर हुए नक्सली हमले के बाद सोशल मीडिया पर भी लाल झंडा फहरता दिखने लगा है. फेसबुक पर लाल सलाम का समर्थन करने वाले लोग हजारों की तादाद में नजर आ रहे हैं.
फेसबुक पर नक्सल छत्तीसगढ़ सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर हाल ही में नक्सल छत्तीसगढ़ नाम से एक प्रोफाइल बनी है, जिस पर खतरनाक हथियारों की खरीद-फरोख्त की बात खुलेआम हो रही है. इतना ही नहीं, इस पर नक्सली एजेंडा भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. खास बात यह है कि कुछ स्टेटस अपडेट कोड में किये जा रहे हैं, तो कुछ खालिस छत्तीसगढ़ की बोली में. फेसबुक प्रोफाइल किसी महिला की है, जिसमें करीब 300 लोग जुड़े हुए हैं.
हो रहा विचारधारा का प्रचार
इस प्रोफाइल के अबाउट सेक्शन में नक्सली ऑपरेशंस की चुनिंदा जानकारी दी गयी हैं. मकसद साफ नजर आता है कि इसके जरिये न सिर्फविचारधारा और मजबूत नेटवर्क का प्रचार किया जा रहा है, बल्कि लोगों को उकसाने की भी कोशिश की जा रही है.
फ्रेंड लिस्ट में भाजपा और कांग्रेस!
इस प्रोफाइल में भाजपा रायगढ़ के आइटी सेल के डिस्ट्रिक को-ऑर्डिनेटर भी जुड़े हुए हैं. इसके अलावा, फ्रेंड लिस्ट में कांग्रेस के किसी रितेश राय, तेलंगाना राष्ट्र समिति की यूथ विंग के एक सदस्य और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रतीक सेनगुप्ता भी जुड़े हुए हैं. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये प्रोफाइल असली हैं, या नकली.
दिग्गजों पर है नजर!
इस प्रोफाइल को ऑपरेट करने वाले की निगाह सिर्फ आम युवाओं पर ही नहीं, छत्तीसगढ़ के नेताओं और अधिकारियों पर भी है. छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत और राज्य हज कमेटी के चेयरमैन सलीम राज के साथ रेलवे और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की फेसबुक प्रोफाइल को यहां से फॉलो किया जा रहा है.
फेसबुक पर हजारों चाहने वाले फेसबुक पर नक्सलवाद का समर्थन करने वालों की तादाद हजारों में है. इस साइट पर मौजूद करीब 3000 लोगों को नक्सलाइट मूवमेंट में दिलचस्पी है. इतना ही नहीं, हर वक्त करीब दर्जन भर लोग इस मुद्दे पर बात कर रहे होते हैं. इसके अलवा, माओवाद विचारधारा का समर्थन करने वालों की तादाद भी करीब 9000 है.
कुल मिलाकर, सिर्फफेसबुक पर ही माओवाद और नक्सलवाद से जुड़े करीब दर्जनभर पेज और प्रोफाइल मौजूद हैं. भले ही इनका कोई विध्वंसक मकसद न हो, पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नक्सली विचारधारा के प्रचार के लिए जोर-शोर से सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इस बारे में साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में आइटी एक्ट की धारा 66 (एफ) के तहत साइबर क्र ाइम का केस चलना चाहिए.